भगोड़े भारतीय कारोबारी विजय माल्या को लंदन की एक अदालत ने सोमवार को दिवालिया घोषित कर दिया। इस फैसले के बाद भारतीय बैंकों के लिए माल्या की संपत्ति जब्त कर ऋण वसूली का रास्ता साफ हो गया है। माल्या के खिलाफ भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के नेतृत्व में 13 भारतीय बैंकों के एक संघ ने ब्रिटिश कोर्ट में याचिका दाखिल करके दिवालिया घोषित करने की मांग की थी। विजय माल्या पर भारतीय बैंकों के 9000 करोड़ रुपये बकाया हैं।
ब्रिटिश समयानुसार सोमवार दोपहर 3:42 बजे मुख्य दिवाला और कंपनी न्यायालय के न्यायाधीश माइकल ब्रिग्स ने वर्चुअल सुनवाई के दौरान कहा, ‘मैं विजय माल्या को दिवालिया घोषित करता हूं।’ भारतीय बैंक का प्रतिनिधित्व करने वाले लॉ फर्म टीएलटी एलएलपी और बैरिस्टर मार्सिया शेकरडेमियन ने जिरह करते हुए भारतीय बैंकों के पक्ष में दिवालिया आदेश देने का अनुरोध किया था।
माल्या के पास इस फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए अभी एक मौका बाकी है। सूत्रों के अनुसार माल्या के वकील जल्द इस फैसले को चुनौती देने के लिए याचिका दाखिल करेंगे। ब्रिटेन भाग गए माल्या के खिलाफ ईडी और सीबीआई 9000 करोड़ रुपये की कथित बैंक धोखाधड़ी की जांच कर रही है। यह धोखाधड़ी माल्या की बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस से जुड़ी है, जिसके लिए उसने कई बैंकों से करीब नौ हजार करोड़ रुपये के ऋण लिए थे।
गौरतलब है कि माल्या को कर्ज देने वाले बैंकों ने जुलाई में ही उसके शेयर बेचकर 792.12 करोड़ रुपये हासिल किए थे। मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इन शेयरों को जब्त करके बैंकों के संघ को सौंपा था। इससे पिछले महीने भी इसी मामले में बैंकों के समूह को शेयरों की बिक्री के माध्यम से 7,181 करोड़ रुपये मिले थे।
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