ड्रग्स मामले मे गिरफ्तार हुए आर्यन खान की जमानत पर आज अदालत सुनाएगी करेगी. आर्यन खान को आर्थर रोड जेल में रखा गया है.
मुंबई: आर्यन खान को जेल में ही रहना पड़ेगा या फिर उन्हें ज़मानत मिलेगी इसपर आज कोर्ट अपना फ़ैसला सुनाएगा. पिछली बार हुई सुनवाई के बाद आज कोर्ट अपना फ़ैसला सुनाने वाला है. कोर्ट के इस फ़ैसले पर यह निर्भर है की आज आर्यन खान अपने घर मन्नत जाएंगे या फिर उन्हें कुछ और समय आर्थर रोड जेल में बिताना पड़ेगा.
एनसीबी ने कोर्ट में क्या दलीलें दी थीं?
पिछली सुनवाई में NCB की ओर से ASG अनिल सिंह ने आर्यन खान पर कोर्ट में कहा था, ”आर्यन खान सिर्फ इस बार ड्रग्स का सेवन नहीं कर रहे हैं बल्कि इसे बांटते भी हैं. जो बयान मिला है, उससे पता चलता है कि पिछले कई महीनो से वो इसका सेवन करते थे.”
एनसीबी ने कहा, “अरबाज़ मर्चेंट के पास से ड्रग्स मिला है. आर्यन उनके साथ थे. उन्होंने कोर्ट को पंचनामा पढ़कर बताया कि उसमें साफ लिखा है कि ड्रग्स का सेवन दोनों करने वाले थे. अरबाज़ ने उसके जूते में ड्रग्स छुपाया था जिसका सेवन दोनो करने वाले थे.”
ASG ने कोर्ट को व्हाट्सएप्प चैट भी दिखाया था जिसमें हार्ड ड्रग्स की बात की जा रही थी. वो Bulk Quantity में था, यह केवल सेवन के लिए नहीं हो सकता. इसके अलावा कोर्ट को यह भी बताया गया था कि अंतराष्ट्रीय देश में किसी से आर्यन की ड्रग्स से जुड़ी बात चल रही थी और इसका पता लगाने के लिए MEA से बात जारी है.
इस मामले में कई आरोपी एक दूसरे से जुड़े हैं इसी वजह से एनडीपीएस की धारा 29 लगाया गया है जिसका मतलब साज़िश होता है. यह नहीं कहा जा सकता कि आर्यन को केवल 1 साल की सज़ा हो सकती है. अगर दूसरे आरोपियों से उनके तार जुड़ते हैं, तो जो सज़ा दूसरों पर होगी, वही सज़ा इनपर भी लागू की जा सकती है.
ASG ने सुनवाई के दौरान कुल मिलाकर क़रीब 8 जजमेंट पढ़े और इसके जरिए ASG ने बताया की किस तरह से इन आरोपियों को जमानत नहीं दी जानी चाहिए. ASG ने आख़िर में कहा था कि अब भी मामला प्रारंभिक स्टेज पर है. आगे जाकर और भी चीज़ें सामने आएगी. इसलिए मैं नहीं चाहता कि कम से कम इस स्टेज पर इन्हें ज़मानत नहीं दिया जाए.
आर्यन खान के वकील ने क्या दलीलें दी थीं?
ASG की बात पूरी होते ही आर्यन खान के वकील अमित देसाई ने कोर्ट में कहा कि इस बात में कोई दो राय नहीं कि पूरी दुनिया ड्रग्स से लड़ रही है. हमें आज़ादी मिली है, उस आज़ादी को बनाए रखना हम सबकी ज़िम्मेदारी है. जिस तरह ASG ने कहा, युवाओं को भविष्य के लिए अपने सेहत का ख्याल रखना चाहिए. मैं यह सही मानता हूँ. NCB जो कार्रवाई करती है उसकी तारीफ की जानी चाहिए.
देसाई ने कहा कि मेरा बस यही कहना है कि जो कार्रवाई हो, वो कानून के दायरे में हो. इसके लिए भी हमने आज़ादी के समय बहुत लड़ाई लड़ी थी. यह सब करते हुए यह भी याद रखना बहुत ज़रूरी है, कि जब हम आज़ादी के लिए लड़े थे, तब हम संविधान के लिए लड़े, लोगों के आज़ादी को बनाए रखने और उनके अधिकार के लिए लड़े.
उन्होंने कहा कि हम उनके अधिकार को नज़रंदाज़ नहीं कर सकते और ना ही बिना कानून कोई कार्रवाई कर सकते हैं. अलग अलग तरह के ड्रग्स होते हैं और समय के साथ ही सरकार ने तय किया है कि ऐसे कौनसे ड्रग्स है जिसपर कार्रवाई की जानी चाहिए और दूसरे ड्रग्स ऐसे भी हैं जिसपर दूसरे तरह से कदम उठाने चाहिए.
देसाई ने कोर्ट में साल 2018 का एक जजमेंट पढ़ा जिसमें कहा गया है कि बिना जाँच पर किसी तरह की बाधा लाए जमानत दी जा सकती है. एजेंसी जाँच जारी रख सकते हैं, लेकिन ज़मानत दी जा सकती है.
उन्होंने कहा कि ASG ने 24 अगस्त 2021 का एक जजमेंट नहीं पढ़ा, जिसमें बॉम्बे हाईकोर्ट ने आरोपियों की कम उम्र को देखते हुए कहा था कि इन्हें reformation का एक मौका मिलना चाहिए और अगर दोबारा भविष्य में ऐसा होता है, तब इसपर कार्रवाई की जानी चाहिए. यानी अदालत ने उम्र देखते हुए राहत दी थी.
देसाई ने कोर्ट को पिछले सुनवाई की बातें बताते हुए कहा था की 2 अक्टूबर को आर्यन को हिरासत में लिया गया, 3 अक्टूबर को गिरफ्तारी की गई, बयान दर्ज किए गए 4 अक्टूबर को दोबारा अदालत में उसे पेश किया गया, जिसके बाद 7 ओक्टोबर तक रिमांड में भेजा गया. उस समय भी मजिस्ट्रेट ने कहा कि 2 अक्टूबर से 7 अक्टूबर तक जो जाँच की जानी चाहिए थी, वो हो गया और उसके बाद ना ही कोई बयान ली गई, ना ही कुछ हुआ. इसलिए अदालत ने उस समय इस मामले में पुलिस कस्टडी नहीं बढ़ाई.
देसाई ने यह भी कहा था की इस मामले में जो भी तार जोड़े जाने थे, वो जोड़े गए. इन्होंने ही कहा कि आर्यन ने अचीत का नाम लिया. अचीत के रिमांड में कहा गया कि आर्यन और अरबाज़ ने अचीत का नाम लिया.
देसाई ने कोर्ट को बताया की यह व्यावसायिक क्षमता की बात कर रहे हैं.. जिससे व्यावसायिक क्षमता मिली, उसका नाम अब्दुल है. और उसका नाम ना ही आर्यन ने दिया,ना ही अरबाज़ ने दिया और ना ही अचीत ने. तो फिर आखिर इनके साथ आर्यन क्या लेना देना है.
आर्यन के वकील ने कहा कि आज विदेशी नागरिक से भी जोड़ा गया और MEA से बात शुरू होने की बात कही गई. मुझे नहीं पता कि क्या ऐसे बातचीत हुई भी या नहीं, लेकिन मैं केवल यह कह सकता हूँ कि आज का इस पीढ़ी जिस अंग्रेजी का इस्तेमाल करता है, उसे हमारे उम्र वाले टॉर्चर मानेंगे.
देसाई ने आगे कोर्ट को बताया था की उन्हें जो जानकारी मिली हुई है,उसके अनुसार फोन में कोई रेव पार्टी का ज़िक्र नहीं है. आर्यन बहुत साल तक विदेश में थे, जहां कई चीज़ें लीगल है. यह भी हो सकता है कि वहां के लोग किसी और चीज़ को लेकर बात कर रहे हैं, जिसमें आर्यन भी शामिल हैं. मुझे नहीं पता कि क्या बात हुई है, लेकिन अदालत को यह सब याद रखना चाहिए.
उन्होंने कहा कि आप साजिश की संभावना कहते हुए ज़मानत का विरोध नहीं कर सकते. इसके अलावा एक presumption का मुद्दा है जिसमें कहा जाता है कि जांच रिकवरी से शुरू होती है और रिकवरी पर खत्म होती है.. अगर ऐसा है तो जो रिकवरी होना था, वो हो गया.. तो फिर ज़मानत क्यों नहीं दी जानी चाहिए.
Andhra Pradesh: TDP workers & leaders protested in Srikakulam today over the vandalism at the party's Central Office in Mangalagiri y'day. Party MP Ram Mohan Naidu also joined the protest. The protesters have been detained by Police.
The party has called a statewide bandh today pic.twitter.com/WekziiSVJu
— ANI (@ANI) October 20, 2021
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