नागालैंड गोलीबारी घटना पर संसद के दोनों सदनों को संबोधित करेंगे गृह मंत्री अमित शाह, 14 लोगों की हुई थी मौत

नागालैंड के मोन जिले के ओटिंग गांव में शनिवार को सुरक्षा बलों की कथित गोलीबारी में 14 आम नागरिकों की मौत हो गई. इतना ही नहीं, सेना ने बताया कि इस दौरान एक सैन्यकर्मी की भी मौत हो गई और कई अन्य सैनिक घायल हो गए.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) सोमवार को संसद (Parliament) के दोनों सदनों में नागालैंड फायरिंग की घटना (Nagaland Firing Incident) पर बयान देंगे. दरअसल, नागालैंड के मोन जिले के ओटिंग गांव में शनिवार को सुरक्षा बलों की कथित गोलीबारी में 14 आम नागरिकों की मौत हो गई. इतना ही नहीं, सेना ने बताया कि इस दौरान एक सैन्यकर्मी की भी मौत हो गई और कई अन्य सैनिक घायल हो गए.

पुलिस ने बताया कि मोन जिले में सुरक्षा बलों ने शनिवार शाम को एक कोयला खदान में काम करने के बाद घर लौट रहे कम से कम 14 दिहाड़ी मजदूरों पर गोलियां चला दी. उन्होंने बताया कि प्रतिबंधित संगठन एनएससीएन (के) के युंग आंग गुट के उग्रवादियों की गतिविधियों की सूचना मिलने के बाद सेना के जवानों ने एक पिकअप ट्रक पर गोलियां चलाईं, जिसमें मजदूर यात्रा कर रहे थे.

तृणमूल कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल करेगा राज्य का दौरा

नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने का आश्वासन दिया है और समाज के सभी वर्गों के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. वहीं, सैन्य गोलीबारी की घटना में मारे गए और घायल हुए लोगों के परिवारों के साथ एकजुटता का प्रदर्शन करने के लिए तृणमूल कांग्रेस का पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल आज राज्य का दौरा करेगा. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने नागालैंड में हुई घटना की गहन जांच की मांग की है.

इस बीच, राज्य सरकार ने इस घटना की जांच के लिए पुलिस महानिरीक्षक (IGP) स्तर के एक अधिकारी की अगुवाई में एक उच्च स्तरीय विशेष जांच दल (SIT) गठित करने का भी फैसला किया है. नागालैंड सरकार ने कथित गोलीबारी में मारे गए 14 लोगों के परिवारों को 5-5 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है. बता दें कि गोलाबारी की तीन घटनाओं में 14 लोगों की मौत हुई है.

आतंकियों की मौजूदगी के शक में चलाईं गोलियां 

गोलीबारी की पहली घटना तब हुई जब शनिवार शाम कुछ कोयला खदान कर्मी एक पिकअप वैन में सवार होकर गाना गाते हुए घर लौट रहे थे. सेना के जवानों को प्रतिबंधित संगठन नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड-के (एनएससीएन-के) के युंग ओंग धड़े के उग्रवादियों की गतिविधि की सूचना मिली थी और इसी गलतफहमी में इलाके में अभियान चला रहे सैन्यकर्मियों ने वाहन पर कथित रूप से गोलीबारी की, जिसमें मौजूद मजदूरों की जान चली गई.

 

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