मोदी सरकार का 10वां आम बजट आज, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लगाएंगी ‘चौका’

उत्तर प्रदेश समेत 5 राज्यों में चुनाव के बीच आज मंगलवार को आम बजट पेश किया जाना है. कोरोना संकट के बीच देश का हर तबका बजट पर निगाहें लगाए हुए है कि उसके लिए इस बार क्या खास होगा.

मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल के पहले बजट में आम लोगों को कर मुक्त आय का तोहफा दिया था. साल 2014 के बजट में तत्कालीन वित्त मंत्री दिवंगत अरुण जेटली ने टैक्स फ्री आय की सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये कर दी थी.

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) मंगलवार को अपना चौथा बजट (Budget 2022) पेश करने जा रही हैं. मोदी सरकार का यह नौंवा बजट होगा. कोरोनावायरस महामारी (Corona Epidemic) के बीच आम आदमी को आम बजट से काफी उम्मीदें हैं. खासकर टैक्स छूट के लिए इनकम टैक्स (Income Tax) की स्लैब में बदलाव की संभावनाओं पर उसकी निगाहें टिकी हैं. माना जा रहा है कि पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों (Assembly Elections 2022) को देखते हुए भी टैक्स में छूट देकर आम जनता को राहत दी जा सकती है. इस तरह चुनावी राज्यों में लोगों को लुभाया जा सकता है.

मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल के पहले बजट में आम लोगों को कर मुक्त आय का तोहफा दिया था. साल 2014 के बजट में तत्कालीन वित्त मंत्री दिवंगत अरुण जेटली ने टैक्स फ्री आय की सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये कर दी थी. उसके बाद करीब साढ़े सात साल हो गए हैं, लेकिन इस सीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया है. आइए, जानते हैं संसद के बजट सत्र के दूसरे दिन का ताजा अपडेट.

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी मंत्रालय के लिए सरकारी आवास से निकल गए. पंकज चौधरी ने कहा कि इस बार का बजट सभी वर्गों को ध्यान में रख कर तैयार किया गया है. किसानों को भी इसमें जगह मिली है और आम आदमी को भी मिली है. आम बजट समाज के सभी वर्ग के लोगों के लिए होगा.

मोदी सरकार के पिछले 9 बजट

  • 2014 के बजट में टैक्स छूट की सीमा को 2 लाख से बढ़ाकर ढाई लाख किया गया. साथ ही 80सी के तहत डिडक्शन की सीमा भी 1 लाख से बढ़ाकर डेढ़ लाख की गई. होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट की सीमा को भी 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये की गई.
  • 2015 के बजट में सेक्शन 80CCD(1b) के तहत एनपीएस में निवेश पर 50 हजार रुपये की टैक्स छूट दी गई. इसके अतिरिक्त सुपर रिच श्रेणी के तहत 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की सालाना आया पर लगने वाले सरचार्ज को 10 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी किया गया.
  • मोदी सरकार ने 2016 में 5 लाख रुपये तक कमाने वालों के लिए टैक्स रिबेट 2000 रुपये से बढ़ाकर 5 हजार रुपये की. साथ ही घर का किराया देने वालों के लिए टैक्स छूट को 24 हजार रुपये से बढ़ाकर 60 हजार रुपये कर दिया गया. 35 लाख रुपये तक के होम लोन पर ब्याज पर टैक्स छूट की सीमा 50 हजार रुपये कर दी गई. वहीं 1 करोड़ रुपये से अधिक कमाने वालों पर सरचार्ज फिर से बढ़ाया गया और इसे 12 फीसदी से बढ़ाते हुए 15 फीसदी कर दिया गया.
  • साल 2017 के बजट में 2.5 से 5 लाख रुपये पर लगने वाला टैक्स को 10 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी किया. ऐसा करते ही 5 लाख रुपये तक की आय वालों की पूरी इनकम टैक्स फ्री हो गई. 50 लाख से 1 करोड़ तक कमाने वालों पर 10 फीसदी सरचार्ज लगाया गया.
  • 2018 में स्टैंडर्ड डिडक्शन स्कीम को वापस लाया गया. इसके तहत नौकरीपेशा लोग 40 हजार रुपये तक का सीधे-सीधे डिडक्शन पा सकते थे. इस नई व्यवस्था के बदले 15 हजार रुपये के मेडिकल रीइंबर्समेंट और 19,200 रुपये के ट्रांसपोर्ट अलाउंस को खत्म किया गया. वहीं सेस को 3 फीसदी से बढ़ाकर 4 फीसदी किया गया.
  • पीयूष गोयल ने 2019 के बजट में 5 लाख रुपये तक की आय को टैक्स फ्री करने की घोषणा की. सशर्त लाई गई इस योजना के तहत कर योग्य 5 लाख रुपये से अधिक नहीं होने पर 12,500 रुपये की छूट मिलती है, जिससे 5 लाख रुपये तक की आय टैक्स फ्री हो जाती है. साथ ही स्टैंडर्ड डिडक्शन भी 40 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपये किया गया. इसके अलावा बैंक या डाकघरों में जमा पैसों पर मिलने वाले 40 हजार रुपये तक के ब्याज को टैक्स फ्री किया गया.
  • 2020 के बजट में नई टैक्स स्कीम लाई गई, जिसमें किसी डिडक्शन का फायदा नहीं मिलता है, लेकिन टैक्स की दरें कम होती हैं.
  • 2021 के बजट में सरकार ने 75 साल से अधिक की उम्र के पेंशनर्स को टैक्स रिटर्न फाइल करने से छूट दी. हालांकि एक शर्त भी रखी कि कमाई का जरिया या तो बैंक से मिलने वाला ब्याज या फिर पेंशन होनी चाहिए.

पसंद आया तो—— कमेंट्स बॉक्स में अपने सुझाव व् कमेंट्स जुरूर करे  और शेयर करें

आईडिया टीवी न्यूज़ :- से जुड़े ताजा अपडेट के लिए हमें यूट्यूब और   पर फॉलो लाइक करें

    ssss

    Leave a Comment

    Related posts