रूस ने अगर यूक्रेन पर किया हमला तो ‘ड्रैगन’ को भी होगा बड़ा नुकसान, जानें कैसे बड़ी मुसीबत में फंसा चीन?

यूक्रेन (Ukraine) पर रूस (Russia) द्वारा हमला किए जाने का खतरा मंडरा रहा है. लेकिन यूक्रेन पर हमला हुआ तो इससे चीन को भी बड़ा नुकसान हो सकता है. आइए जाना जाए आखिर ऐसा कैसे होगा.

यूक्रेन (Ukraine) पर युद्ध का खतरा मंडराने के बाद चीन (China) रूस (Russia) के पीछे लगा हुआ है. दरअसल, एक अस्थिर यूक्रेन चीन के क्लोन हथियारों के निर्माण के लिए नुकसानदायक हो सकता है. इसके अलावा, यूक्रेन चीन (Ukraine-China) के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) भागीदार भी है. बीजिंग के कॉपीकैट हथियार उद्योग यूक्रेन के कुछ सबसे कीमती डिफेंस कंपनियों पर निर्भर है. इनमें से कई कंपनियों को चीन ने पिछले कुछ सालों में अपना बनाया है. यूक्रेन के स्वतंत्र देश बनने के बाद से ही इसके रक्षा उद्योग का इस्तेमाल और दुरुपयोग किया गया है.

यूरेशियन टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस ने जब 2014 में क्रीमिया पर कब्जा किया तो इस दौरान चीन की यूक्रेन में एंट्री हुई. इस बारे में कासिमिर पुलस्की फाउंडेशन में रिसर्च फेलो और यूक्रेन विशेषज्ञ रूबेन एफ जॉनसन ने बेहतर तरीके से बताया है. उन्होंने कहा कि सोवियत यूनियन के टूटने के बाद रूस का हथियार मार्केट चीन और भारत के भरोसे चलता रहा. लेकिन इस दौरान यूक्रेन रूसी सबसिस्टम और हथियारों का चीफ सप्लायर बन गया. हालांकि, चीन ने रिवर्स इंजीनियरिंग तरीके से इन हथियारों की कॉपी बना ली. चीन ने रूसी सुखोई Su-27SK की अवैध तरीके से कॉपी पर J-11B लड़ाकू विमान बना लिए.

चीनी लड़ाकू विमानों के लिए यूक्रेन में बनते हैं रडार

हालांकि, रिवर्स इंजीनियरिंग के जरिए रडार और अन्य उपकरणों को बनाना चीन के लिए मुश्किल भरा काम है. यही वजह है कि अवैध रूप से बनाए गए लड़ाकू विमानों के लिए चीन ने रडार को यूक्रेन में बनाना शुरू किया. लगभग सभी J-11B सीरिज के विमानों को NIIP N001-सीरिज रडार से लैस किया गया. इन्हें पश्चिमी यूक्रेन शहर खमेलनित्सकी में नोवेटर प्लांट में बनाया गया. यही नहीं चीन ने यूक्रेन की सबसे कीमती हथियार कंपनी को खरीदने का प्रयास भी किया है. चीन का इरादा रूस से खरीदे जाने वाले हथियारों पर से अपनी निर्भरता को कम करना है. दुनिया ने जहां यूक्रेन की हथियार कंपनियों की ताकत को कम करके आंका है, वहीं चीन ने इन्हें अब अपने हथियार के रूप में इस्तेमाल करना शुरू किया है.

चीन के हाथों में रक्षा उद्योग जाने का खतरा

अमेरिका और यूक्रेन दोनों ने यूक्रेन की एयरो-इंजन कंपनी मोटर सिच को चीनी हाथों में जाने से रोकने का प्रयास भी किया है. इनका मानना है कि इस कंपनी के जरिए चीन की सैन्य शक्ति और मजबूत हो जाएगी. जॉनसन ने नाटो अधिकारी के हवाले से कहा, अगर अमेरिका, नाटो और अन्य देश यूक्रेन के रक्षा उद्योग में अपनी पहुंच नहीं बनाते हैं, तो एक बड़ा खतरा पैदा हो सकता है. यूक्रेन के सशस्त्र बल इस उद्योग को सपोर्ट करने के लिए पर्याप्त काम मुहैया नहीं करा सकते हैं. अगर यूक्रेन के साथ अन्य देश साझेदारी नहीं करते हैं, तो देश के टेक्नोलॉजी विशेषज्ञता चीनी हाथों में चली जाएगी. अगर यूक्रेन में युद्ध होता है तो कहीं न कहीं चीन को इससे झटका जरूर लगेगा.

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