Amit Shah meeting on Jammu Kashmir: सेना के ऑपरेशन ‘ऑल आउट’ से आतंकवादी बौखला गए हैं। सेना के इस ‘सफाई अभियान’ ने आतंकियों की कमर तोड़ दी है। बीते सात दिनों में ही सेना ने 17 आतंकी मारे हैं। इनमें लश्कर के 10 आतंकी, जैश ए मोहम्मद के चार और हिज्बुल के दो आतंकी ढेर हुए।
- हाल के दिनों में जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की घटनाएं काफी बढ़ गई हैं
- आतंकवादी कश्मीरी पंडितों एवं निर्दोष नागरिकों को निशाना बना रहे हैं
- टारगेट किलिंग की घटनाओं से गैर-मुस्लिम लोगों में डर का माहौल है
Amit Shah meeting on Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा पर शुक्रवार को दिल्ली में बड़ी बैठक होने जा रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से बुलाई गई इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल, केंद्र शासित प्रदेश के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा, राज्य के डीजीपी सहित आला अधिकारी मौजूद रहेंगे। कश्मीर में हो रही टार्गेट किलिंग को देखते हुए इस बैठक को काफी अहम माना जा रहा है। शाम तीन बजे होने वाली इस बैठक में जम्मू-कश्मीर के सुरक्षा हालात की समीक्षा होगी। समझा जाता है कि बैठक में आतंकियों के हमले रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की रणनीति बन सकती है। आतंकी पिछले कुछ दिनों से कश्मीरी पंडितों एवं निर्दोष नागरिकों की हत्या कर रहे हैं। बैठक में आतंकियों पर प्रहार के लिए नए तौर-तरीकों पर चर्चा होने की उम्मीद है।
सेना के ऑपरेशन ‘ऑल आउट’ से आतंकवादी बौखलाए
सेना के ऑपरेशन ‘ऑल आउट’ से आतंकवादी बौखला गए हैं। सेना के इस ‘सफाई अभियान’ ने आतंकियों की कमर तोड़ दी है। बीते सात दिनों में ही सेना ने 17 आतंकी मारे हैं। इनमें लश्कर के 10 आतंकी, जैश ए मोहम्मद के चार और हिज्बुल के दो आतंकी ढेर हुए। वहीं बीते 5 महीने में 84 आतंकी मारे गए हैं और एक हफ्ते में 9 एनकाउंटर हुए हैं। सेना जिस तरह से आतंकियों का सफाया कर रहा है उससे वे बुरी तरह बौखला गए हैं। घाटी में डर एवं हिंसा का माहौल बनाने के लिए वे कश्मीरी पंडितों एवं निर्दोष नागरिकों की हत्या कर रहे हैं। टार्गेट किलिंग का उनका एक मकसद कश्मीरी पंडितों एवं गैर-कश्मीरियों को घाटी से भगाना है।
टार्गेट किलिंग का घटनाक्रम
- 12 घंटे में दो, 72 घंटे में तीन, 27 दिन में 10 बेकसूरों का कत्ल
- 24 मई -श्रीनगर में पुलिसकर्मी सैफुल्लाह कादरी की हत्या
- 25 मई-बडगाम में टीवी कलाकार अमरीन भट की हत्या
- 31 मई-कुलगमा में टीचर रजनी बाला की हत्या
- 2 जून-कुलगाम बैंक मैनेजर विजय कुमार
- 2 जून-बडगाम में दो मजदूरों को गोली मारी, 1 की मौत
- 7 मई -श्रीनगर में पुलिसकर्मी गुलाम हसन डार की हत्या
- नौ मई-शोपियां में एक नागरिक की हत्या
- 12 मई-पुलवामा में पुलिसकर्मी रियाज अहमद ठाकोर की हत्या
- 12 मई-बडगाम में कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की हत्या
- 17 मई-बारामूला में कश्मीरी पंडित रंजीत सिंह की हत्या
आतंकियों के इस जघन्य अपराध के खिलाफ लोगों का गुस्सा
टारगेट किलिंग की घटनाओं से कश्मीर में रहने वाले हिंदुओं में डर का माहौल कायम है। गुरुवार सुबह कुलगाम में बैंक मैनेजर की हत्या के बाद शाम को बडगाम में दो मजदूरों को गोली मारी गई। इनमें से एक की मौत हो गई। कश्मीरी पंडितों ने सामूहिक पलायन का ऐलान किया है। पंडितों का कहना है कि उनके सामने अब पलायन करने के अलावा कोई और चारा नहीं है। लोगों के मन से से डर समाप्त करने एवं सुरक्षा का भरोसा दिलाने के लिए आज की दिल्ली बैठक में बड़ा फैसला हो सकता है।
More than 80% of the bullet train work is complete. I think we should have made something else instead of the bullet train but now as the majority of the work is completed, I think the project should not be stopped: Maharashtra Deputy CM Ajit Pawar (1/2) pic.twitter.com/feiA8xy9Vj
— ANI (@ANI) June 2, 2022
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