नई दिल्ली: कांग्रेस में नए अध्यक्ष पद के लिए चुनाव के ऐलान के बाद से दिल्ली और राजस्थान का सियासी पारा काफी चढ़ा हुआ है. इसकी एक वजह राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का पार्टी अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार के तौर पर चुना जाना भी है. क्योंकि अशोक गहलोत मुख्यमंत्री पद के प्रति अपने विशेष मोह को लेकर अपनी और पार्टी के काफी किरकिरी करा चुके हैं. माना जा रहा है कि यह उनके लिए काफी घाटे का सौदा साबित हो सकता है. ऐसे में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के कांग्रेस अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल होने की अटकलें कई संभावनाओं को जन्म देती हैं. राजनीतिक गलियारों में चर्चा तो यहां तक है कि राजस्थान में जो हुआ, उसको लेकर कांग्रेस आलाकमान अशोक गहलोत से खासा नाराज है… इसलिए पार्टी अध्यक्ष पद की कमान दिग्गी राजा के हाथों में जा सकती है.
दिग्विजय सिंह भी गांधी परिवार के काफी करीबी
आपको बता दें कि अशोक गहलोत ही तरह दिग्विजय सिंह भी गांधी परिवार के काफी करीबी और विश्वासपात्र माने जाते हैं. ऐसे में उनको राजस्थान सियासी संग्राम में अशोक गहलोत के बैकफुट पर जाने का लाभ मिल सकता है. हालांकि दिग्गी राजा इस समय कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हैं और राहुल गांधी के साथ हैं. माना जा रहा है कि दिग्विजय सिंह आज दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे. हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए पहले ही मना कर चुके दिग्गी राजा का कहना है कि मेरी अभी इस मसले पर किसी के साथ कोई चर्चा नहीं हुई है और न ही मैंने इसके लिए अभी पार्टी हाईकमान के अनुमति ली है. दिग्विजय सिंह से जब इस बारे में पूछा गया कि क्या उनको कांग्रेस अध्यक्ष पद उम्मीदवार के तौर पर देखा जा सकता है तो उन्होंने कहा कि फिलहाल आप इस बात को उन पर ही छोड़ दें कि मैं चुनाव लडूंगा या नहीं.
गहलोत और पायलट ने भी दिल्ली में डाला डेरा
राजस्थान कांग्रेस में मजे सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष पद के भावी उम्मीदवार अशोक गहलोत आज दिल्ली में सोनिया गांधी से मिलेंगे. वहीं, सचिन पायलट भी पार्टी के अंतरिम अध्यक्ष से मुलाकात कर सकते हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि आलाकमान आज राजस्थान मसले का हल निकाल सकता है. आपको बता दें कि अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष पद की उम्मीदवारी से शुरू हुई रार राजस्थान से निकलकर अब राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली तक पहुंच गई है. कांग्रेस की ओर से पर्यवेक्षक बनाकर जयपुर भेजे गए मल्लिकार्जुन खड़के और अजय माकन ने हाईकमान को अपनी रिपोर्ट भेज दी है, बावजूद इसके राजस्थान का सियासी संकट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. ऐसे में सवाल उठता है क्या आज दोनों नेताओं के साथ सोनिया गांधी की इस बैठक से इस समस्या का हल निकलता है या नहीं.
Delighted to be in the dynamic city of Surat where multiple development works are being dedicated. https://t.co/fRw6ptmsAq
— Narendra Modi (@narendramodi) September 29, 2022
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