अहमदाबाद: कांग्रेस ने रविवार (19 नवंबर) को गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए 77 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की. सूची जारी होने के बाद ‘पास’ नेता नाराज बताए जा रहे हैं. हालांकि, पार्टी ने हार्दिक के दो करीबियों को टिकट दिया है लेकिन PAAS ने उन्हें नामांकन करने से रोका है. PAAS नेताओं का कहना है कि उन्हें विश्वास में नहीं लिया गया. एक और महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि पार्टी ने केवल 77 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की है जबक पहले चरण में 89 सीटों पर मतदान होना है. ऐसे में 12 सीटों पर अभी भी पेंच फंसा हुआ है. उधर, सूची जारी होने के बाद कांग्रेस के सूरत दफ्तर में हंगामा किए जाने की खबर है.
कांग्रेस ने पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के करीबी को टिकट दिया है. पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के संयोजक ललित वसोया को धोराजी सीट से उम्मीदवार बनाया है. हालांकि, हार्दिक के दूसरे करीबी मनोज पनारा को दरकिनार किया गया है. मनोज को मोरबी से टिकट मिलने की संभावना जताई जा रही थी.
वहीं जीत हासिल करने के लिए पार्टी ने राज्य के वरिष्ठ पार्टी नेताओं शक्ति सिंह गोहिल और अर्जुन मोढवाडिया को भी टिकट दिया है. खास बात यह है कि 20 सीटों पर पाटीदारों को भी टिकट देकर पार्टी जीत सुनिश्चित करना करना चाहती है. राज्य में कांग्रेस का भाजपा के साथ मुकाबला है जो राज्य की सत्ता पर दो दशक से अधिक समय से काबिज है. गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के खिलाफ कांग्रेस ने इंद्रानिल राजगुरु को मैदान में उतारा है. भावनगर पूर्व से गीताबेन को टिकट दिया गया है, जबकि लंबदी से सोमाभाई जी पटेल और मोरबी से बृजेश.ए मेरबा को टिकट मिला.
गुजरात के कच्छ जिले की अबडासा एक ऐसी विधानसभा सीट है, जहां से कोई भी विधायक दोबारा चुनाव नहीं जीतता. यही वजह है कि मौजूदा विधायक शकित सिंह गोहिल भी वहां की जगह बगल की मांडवी सीट से चुनाव लड़ने का मन बना चुके हैं. ख़ास ये भी है कि अबडासा क्रमवार राज्य की पहली विधानसभा सीट भी है. सूरत जिले की महुआ सीट से कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार तुषार चौधरी को बनाया है, जो दो बार गुजरात की मांडवी लोकसभा सीट से सांसद रहे और मनमोहन सिंह की अगुआई वाली केंद्र की यूपीए सरकार में 2009 में राज्य कक्षा के मंत्री भी बने.