पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ बड़े अरमान लेकर सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (एमबीएस) से मिलने पहुंचे थे, लेकिन यहां उन्हें नाउम्मीदी ही हाथ लगी. कश्मीर के मुद्दे पर सऊदी अरब साफ तौर पर भारत के रुख का समर्थन करता दिखा.
मक्का. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ बड़े अरमान लेकर सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (एमबीएस) से मिलने पहुंचे थे, लेकिन यहां उन्हें नाउम्मीदी ही हाथ लगी. मक्का में उमरा करने पहुंचे शरीफ ने यहां अल-सफा पैलेस में एमबीएस से मुलाकात की, जिसके बाद एक संयुक्त बयान भी जारी हुआ. हालांकि इसमें सऊदी अरब साफ तौर से भारत के रुख का समर्थन करता दिखा और दोनों देशों से अपने ‘मसलों’ को आपसी बातचीत से हल करने को कहा.
इस संयुक्त बयान के अनुसार, एमबीएस और शरीफ की चर्चा सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच भाईचारे वाले संबंधों को मजबूत करने तथा विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के रास्ते तलाशने पर केंद्रित रही. इस बयान में कहा गया कि उन्होंने कश्मीर सहित क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की.
इसमें कहा गया, ‘दोनों पक्षों ने क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए दोनों देशों के बीच लंबित मुद्दों, खास तौर से जम्मू और कश्मीर विवाद को हल करने के लिए पाकिस्तान और भारत के बीच बातचीत के महत्व पर जोर दिया.’
भारत के रुख का समर्थन करता सऊदी का बयान
नई दिल्ली का हमेशा से यही रुख रहा है कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच एक द्विपक्षीय मुद्दा है और इसमें किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता या हस्तक्षेप का कोई सवाल ही नहीं है. ऐसे में सऊदी प्रिंस का यह बयान भारत के रुख को ही समर्थन करता है.
कांग्रेस के मेनिफेस्टो को देखने पर ये पता ही नहीं चलता कि ये कांग्रेस का घोषणा पत्र है या मुस्लिम लीग का!
कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में जिस तरह तुष्टिकरण और आरक्षण के विषय में कहा है, उसका स्पष्टीकरण इन्हें देना पड़ेगा।
– श्री @JPNadda pic.twitter.com/OGpFTTKhMU
— BJP (@BJP4India) April 8, 2024
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