अगर आप दिल्ली में रहने वाले सरकारी कर्मचारी हैं और नये साल की जश्न परिवार के साथ गोवा य़ा किसी और जगह मनाने की तैयारी कर चुके हैं तो आपके लिए बुरी खबर है. हो सकता है कि आपको अपनी छुट्टियां रद्द करनी पड़े, क्योंकि गुजरात चुनावों के मद्देनजर इस साल नए साल के दौरान संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा होगा.
संसद के शीतकालीन सत्र का तारीख तय करने के लिए बुधवार को प्रधानमंत्री निवास पर सीसीपीए यानी कैबिनेट कमिटी ऑन पार्लियामेंट्री अफेयर्स की बैठक हुई. हालांकि संसद सत्र की तारीख का औपचारिक ऐलान अभी नहीं किया गया है, क्योंकि इसे राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा जाता है. लेकिन सूत्रों के मुताबिक संसद का शीतकालीन सत्र 15 दिसंबर से 5 जनवरी तक चलेगा.
कैबिनेट की बैठक के बारे में जानकारी देने के लिए की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में संसद के शीतकालीन सत्र के बारे में पूछे जाने पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि संसद का शीतकालीन सत्र हमेशा की तरह होगा. लेकिन साथ ही उन्होंने ये भी जोड़ा कि आमतौर पर चुनाव और संसद सत्र साथ-साथ नहीं चलते और ये एक परंपरा है. जेटली ने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं होगा. कांग्रेस पार्टी कुछ दिनों से लगातार इस बात को उठा रही है कि गुजरात चुनाव के चक्कर में मोदी सरकार संसद के संसद सत्र को भूल गयी है.
जेटली ने चुनाव प्रचार के बारे में ये कटाक्ष भी किया कि कांग्रेस का पता नहीं, लेकिन हमलोगों को गुजरात चुनाव में चुनाव प्रचार करना है. गुजरात चुनाव में 9 और चौदह दिसंबर को वोट डाले जाएंगे और मतों की गिनती 18 दिसंबर को होगी. गुजरात का चुनाव बीजेपी के लिए खास तौर पर इसलिए प्रतिष्ठा का सवाल बना हुआ, क्योंकि ये प्रधानमंत्री मोदी का अपना राज्य है और गुजरात मॉडल का प्रचार विकास के सबसे शानदार नमूने के तौर पर बीजेपी लगातार करती रही है.