इस्लामाबाद: पाकिस्तान की संसद ने विपक्ष के उस विधेयक को नामंजूर कर दिया है जो पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को सत्तारूढ़ पीएमएल-एन के प्रमुख पद से हटाने के मकसद से लाया गया था. शरीफ को पिछले महीने पीएमएल-एन का प्रमुख फिर से निर्वाचित किया गया था. इसी साल 28 जुलाई को उच्चतम न्यायालय ने शरीफ को पनामा पेपर्स मामले में अयोग्य ठहरा दिया था. पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सांसद सैयद नवीद कमर ने हाल ही में पारित निर्वाचन अधिनियम-2017 से धारा 203 हटाने की मांग करते हुए मंगलवार (21 नवंबर) को विधेयक पेश किया था.
वहीं दूसरी ओर पनामा दस्तावेजों में नाम आने के बाद पद के अयोग्य ठहराये गये पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ बुधवार (22 नवंबर) को यहां एक भ्रष्टाचार-रोधी अदालत में पेश हुए और दावा किया कि देश की अदालतों में ‘दोहरे मानक’ हैं. राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने इस्लामाबाद की जवाबदेही अदालत में शरीफ व उनके परिवार के खिलाफ तीन मामले दर्ज किए हैं. इनकी सुनवाई आज शुरू हुई और इस दौरान शरीफ के साथ उनकी बेटी मरियम नवाज व दामाद सेवानिवृत्त कैप्टन मुहम्मद सफदर मौजूद थे.
पिछले हफ्ते अदालत ने 27 नवंबर तक व्यक्तिगत पेशी में छूट देने संबंधी शरीफ की अर्जी स्वीकार कर ली थी, लेकिन अपनी योजना में बदलाव के चलते शरीफ आज स्वयं अदालत में पेश हुए. अभियोजन पक्ष के दो गवाहों के बयान दर्ज होने के बाद शरीफ परिवार के सदस्य अदालत से चले गए. सुनवाई शुरू होने से पहले मीडिया से बातचीत में शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान तहरीके इंसाफ ( पी टी आई) के प्रमुख इमरान खान, जहांगीर तरीन, अलीम खान के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले भी अब सार्वजनिक हैं. उन्होंने कहा, ‘हमारे मामलों में तो फैसले बहुत जल्दी हो गए. पता नहीं उनके मामलों में कितना समय लगेगा.’
उन्होंने दावा किया कि उनके व दूसरों के मामलों को निपटाते समय अदालतों के ‘दोहरे मानक’ होते हैं. एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने शरीफ के हवाले से कहा है, ‘खेल के नियम समान होने चाहिए.’ शरीफ यहां अपनी बेटी मरियम नवाज और दामाद सेवानिवृत्त कैप्टन मुहम्मद सफदर के साथ अदालत पहुंचे. इसके चलते भारी सुरक्षा इंतजाम किए गए थे ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके. न्यायाधीश मुहम्मद बशीर इस मामले की सुनवाई कर रहे हैं.