कई आतंकी संगठनों को पनाह देने वाले पाकिस्तान ने भी मान लिया है कि लश्कर-ए-तैयबा (जमात-उद-दावा) का संस्थापक हाफिज मोहम्मद सईद उनके लिए बोझ है. हालांकि यह बात हाफिज मोहम्मद सईद को रास नहीं आई. उसने यह बयान जारी करने वाले पाकिस्तान के विदेशमंत्री ख्वाजा आसिफ के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज करवा दिया है. 10 करोड़ रुपये का मानहानि का दावा ठोका गया.
मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद ने उसे अमेरिका का डार्लिंग बताने पर यह मुकदमा किया है. हाफिज के वकील ए. के. डोगर ने विदेश मंत्री को नोटिस भेजा है. इस नोटिस में कहा गया है कि सईद काफी धार्मिक और सच्चे मुसलमान के तौर पर सम्मानित हैं. सईद कभी वाइट हाउस के नजदीक तक नहीं गए, खाने और पीने की तो बात ही दूर है. यह जानकर हैरानी हुई कि मेरे देश के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ हाफिज सईद पर शराब पीने का आरोप लगा रहे हैं. इस तरह की बयान का इस्तेमाल मेरे मुवक्किल के खिलाफ कभी नहीं किया जा सकता.
आपको बता दें कि आसिफ ने न्यूयॉर्क में एशिया सोसाएटी सेमिनार के दौरान अमेरिका को भी आड़े हाथों लिया था और कहा कि कुछ साल पहले वाशिंगटन ऐसे लोगों को ‘डार्लिंग’ मानता था. इससे पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने ये कहा था कि यह कहना बहुत आसान है कि पाकिस्तान हक्कानी, हाफिज सईद और लश्कर-ए-तैयबा का समर्थन कर रहा है. लेकिन वो देश के लिए बोझ है और हमने पहले भी कहा है यह हमारे लिए बोझ है, लेकिन हमें इस बोझ को दूर करने के लिए थोड़ा वक्त दीजिए. विदेश मंत्री ने कहा कि हमारे पास इस बोझ को कम करने के लिए पर्याप्त साधन नहीं हैं. ख्वाजा आसिफ ने आगे कहा था कि पाक को हक्कानी और हाफिद सईद के लिए दोषी मत ठहराइए. 20 से 30 साल पहले ये लोग आपके खास थे. उनकी व्हाइट हाऊस में खातिरदारी की जा रही थी और अब आप पाकिस्तान को दरकिनार करते हैं, क्योंकि आपका कहना है कि हम इन्हें पनाह दे रहे हैं.
पाकिस्तान हाफिज को कोई छूट नहीं देने की कोशिश कर रहा है, जिससे कि उसकी और बदनामी न हो. पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के अधिकारियों ने हाफिज सईद की नजरबंदी एक महीने के लिए बढ़ा दी है. पाक का कहना है कि उसकी गतिविधियां देश में शांति के लिए खतरा है. बता दें कि जमात-उद-दावा का प्रमुख सईद इस वर्ष 31 जनवरी से नजरबंद है. यही वजह है कि आतंकियों को पनाह देने वाला और उन्हें जिहाद के नाम पर उकसाकर भारत भेजने वाला हाफिज पाकिस्तान सरकार के खिलाफ खड़ा हो गया है.
पाकिस्तान विदेश मंत्री को भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि हाफिज एक राष्ट्रभक्ट इस्लाम से प्यार करने वाला मुस्लिम है. ऐेसे में विदेश मंत्री का बयान मानहानि वाला है और उन्हें पाकिस्तान के पिनल कोड के सेक्शन 500 के तहत 5 साल की जेल और जुर्माना भुगतना पड़ सकता है. हाफिज के वकील के मुताबिक इस बयान से आतंकी सरगान के इज्जत को ठेस पहुंची है और उन पर कीचड़ उछालने की कोशिश हुई है. ऐसे में हाफिज एक्शन की मांग करते हैं. ऐसे में यह 14 दिनों की नोटिस विदेश मंत्री को भेजी जा रही है. ऐसे में मेरे क्लाइंट हाफिज उनकी इज्जत को पाकिस्तान ही नहीं दुनियाभर में नुकसान पहुंचाने के लिए 10 करोड़ रुपये जुर्माने की मांग रखी है. साथ ही इस सारे मुकदमों का खर्च भी विदेश मंत्री को उठाना होगा.
इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी पाकिस्तान द्वारा आतंकवादियों के ग्रुप को समर्थन देने की आलोचना की थी. ट्रंप ने कहा कि पाकिस्तान करोड़ों रुपये मदद ले रहा है, लेकिन उसने आतंकियों को मदद करना जारी रखा है. आपको बता दें कि अमेरिका ने जमात उल दावा को जून 2014 में ही आतंकी संगठन घोषित कर चुका है. हाफिज की गिरफ्तारी पर 1 करोड़ डॉलर का इनाम भी है.