सऊदी अरब के ताकतवर क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने दुनिया से आतंकवाद के सफाये तक आतंकियों के खिलाफ जंग लड़ने का आह्वान किया है। रियाद में इस्लामिक आतंकवाद विरोधी गठबंधन में शामिल 40 मुस्लिम देशों के अधिकारियों की बैठक के दौरान क्राउन प्रिंस ने यह बात कही। सऊदी अरब के रक्षा मंत्री की भी जिम्मेदारी संभाल रहे मोहम्मद बिन सलमान ने कहा, ‘बीते कुछ सालों में आतंकवाद हम सभी देशों के भीतर पैर पसार चुका है। इसकी वजह आपस में समन्वय न होना है।’
आतंकवाद को खत्म करने का आह्वान करते हुए सलमान ने कहा, ‘अब इस गठबंधन के जरिए आतंकवाद को खत्म करने के लिए आज से ही संघर्ष किया जाएगा।’ आतंकवाद के खिलाफ बने मुस्लिम देशों के गठबंधन के रक्षा मंत्रियों की यह पहली बैठक थी। इस गठबंधन में 41 इस्लामिक देश शामिल हैं। इसे हिंसक अतिवाद के खिलाफ ‘पैन-इस्लामिक यूनिफाइड फ्रंट’ कहा जा रहा है। मोहम्मद बिन सलमान के ही नेतृत्व में 2015 में इस गठबंधन का ऐलान किया गया था।
मोहम्मद बिन सलमान के सऊदी सत्ता में दूसरे नंबर पर पहुंचने के साथ ही क्षेत्रीय राजनीति में भी तेजी से बदलाव देखने को मिले हैं। हालांकि आतंकवाद के खिलाफ बने इस्लामिक देशों के इस संगठन में सुन्नी बहुलता वाले या सुन्नी शासन वाले देश ही शामिल हैं। इस गठबंधन में सऊदी अरब के कट्टर प्रतिद्वंद्वी कहे जाने वाला ईरान शामिल नहीं है। इसके अलावा ईरान से करीबी रखने वाले देश इराक और सीरिया भी इस गठजोड़ का हिस्सा नहीं हैं।
सीरिया और यमन में जारी जंग के बीच सऊदी अरब और ईरान में तनाव के दौर में ही यह बैठक हुई है। बता दें कि सऊदी अरब ईरान पर मध्य पूर्व के सशस्त्र आतंकी समूहों का समर्थन करने का आरोप लगाता रहा है। इनमें लेबनान समर्थित आतंकी संगठन हिजबुल्ला और यमन के हूथी विद्रोही शामिल हैं। इस बैठक में मुस्लिम बहुलता वाले मिस्र, यूएई, बहरीन, अफगानिस्तान, यूगांडा, सोमालिया, लेबनान, लीबिया, यमन और तुर्की जैसे देश शामिल थे।