केरल और तमिलनाडु के दक्षिणी जिलों में तूफान ‘ओखी’ की दस्तक के बाद भारतीय नौसेना, वायु सेना और तटरक्षक बल का संयुक्त अभियान शनिवार को भी जारी रहा. केरल के 102 मछुआरों के घर लौटने का इंतजार है.
तिरुवनंतपुरम की जिला कलेक्टर एस. वासुकी ने बताया कि यहां के 102 मछुआरों को ‘लापता’ नहीं कहा जा सकता. ये मछुआरे समुद्र में गए थे. उन लोगों को अभी घर पहुंचना है या वे यहां अपने रिश्तेदारों से संपर्क करने में सक्षम नहीं हैं.
वासुकी ने कहा, ‘तलाशी अभियान अब अलप्पुझा क्षेत्र में किए जाएंगे क्योंकि नौकाओं का ईंधन खत्म हो गया है. वे हवा की दिशा के अनुसार, पानी में बहती जाएंगी इसलिए अलप्पुझा में तलाशी अभियान पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है.’
उन्होंने यह भी कहा कि मछुआरों को मछली पकड़ने के लिए समुद्र में नहीं जाने के संबंध में कड़े निर्देश दिए गए हैं.
अपने गांव के दर्जनों मछुआरों का पता नहीं लगने से पून्थुरा के गुस्साए मछुआरों ने राजधानी के पास के एक तटीय गांव में यातायात रोक दिया.
इस संकट से उबरने के लिए पून्थुरा सेंट थॉमस चर्च में विशेष प्रार्थना आयोजित की गई. एक दुखी पत्नी ने कहा, ‘पिछले तीन दिनों से पति गेराल्ड से कोई संपर्क नहीं हुआ है. हमें किसी से कोई सूचना नहीं मिली है.’
लापता लोगों के परिवारजनों ने अपने प्रियजनों की तस्वीरें मीडिया को दिखानी शुरू कर दी है, ताकि अगर वह राज्य के दूसरे हिस्से में देखे जाते हैं, तो उन्हें सूचना मिल जाए.
जिन लोगों को शुक्रवार को तूफान से बचाया गया, उनमें से 40 मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चिकित्सीय निगरानी में हैं और अन्य 28 जनरल अस्पताल में हैं.
केरल सरकार पहले ही मछुआरों के प्रभावित गांवों में निशुल्क राशन आपूर्ति की घोषणा कर चुकी है.
तमिलनाडु के दक्षिणी जिलों व राजधानी चेन्नई में गुरुवार की रात व तड़के शुक्रवार की सुबह भारी बारिश हुई. भारी बारिश की वजह से अधिकारियों को स्कूलों व कॉलेजों को बंद करने का आदेश देने को मजबूर होना पड़ा. भारी बारिश व तेज हवाओं की वजह से कन्याकुमारी में जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया. यहां पहुंची सूचनाओं के अनुसार हजार से ज्यादा लोगों को राहत शिविरों में रखा गया है.