पाकिस्तान ने भारतीय उप उच्चायुक्त को किया तलब, संघर्ष विराम के उल्लंघन का आरोप

इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर भारतीय सैनिकों द्वारा संघर्ष विराम उल्लंघन का आरोप लगाते हुए सोमवार (2 अक्टूबर) को इस मामले में भारत के उप उच्चायुक्त को तलब किया. विदेश कार्यालय ने एक बयान में आरोप लगाया कि भारतीय बलों ने 30 सितंबर और दो अक्तूबर को रुख चकरी तथा रावलकोट सेक्टरों में गोलीबारी की जिसमें उनके तीन नागरिक मारे गये और एक महिला समेत पांच अन्य घायल हो गये. बयान के अनुसार महानिदेशक (दक्षिण एशिया और दक्षेस) मोहम्मद फैजल ने भारतीय उप उच्चायुक्त जे पी सिंह को तलब किया और भारतीय बलों पर बिना उकसावे के संघर्ष विराम का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए इसकी निंदा की.

फैजल ने दावा किया कि पिछले 12 दिन में भारतीय बलों द्वारा यह पांचवीं बार किया गया संघर्ष विराम उल्लंघन है जिसमें पांच महिलाओं समेत 11 लोगों की मौत हो गयी और 37 अन्य घायल हो गये. उन्होंने कहा कि संयम बरतने के अनुरोध के बावजूद भारत लगातार संघर्ष विराम उल्लंघन कर रहा है. फैजल ने कहा, ‘‘जानबूझकर नागरिकों पर निशाना साधना निश्चित रूप से निंदनीय है और मानवीय गरिमा तथा अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों एवं मानवीय कानूनों के खिलाफ है. भारत द्वारा संघर्ष विराम का उल्लंघन करना क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है.’’

उन्होंने कहा कि भारतीय पक्ष को यूएनएमओजीआईपी को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के अनुसार उसकी भूमिका निभाने की अनुमति देनी चाहिए. भारत का मानना है कि ‘भारत और पाकिस्तान में संयुक्त राष्ट्र के सैन्य पर्यवेक्षक समूह’ (यूएनएमओजीआईपी) की उपयोगिता समाप्त हो चुकी है और शिमला समझौते तथा नियंत्रण रेखा के निर्धारण के बाद यह अप्रासंगिक हो गया है.

इस बीच भारत सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जम्मू कश्मीर के पुंछ जिले में एलओसी पर पाकिस्तान द्वारा सीमापार से गोलाबारी में सोमवार (2 अक्टूबर) को दो नाबालिग मारे गये और 12 नागरिक घायल हो गये. घायलों में पांच बच्चे भी हैं जिनमें सबसे छोटी पांच साल की जोबिया कौसर है जिसे हेलीकॉप्टर से जम्मू के एक अस्पताल ले जाया गया.

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