श्रीलंका में चक्रवात ‘ओखी’ के चलते 13 लोगों की मौत

कोलंबो: चक्रवात ‘ओखी’ के चलते श्रीलंका में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश होने के कारण कम से कम 13 लोगों की मौत हो गयी. हालांकि यह चक्रवात श्रीलंका से शनिवार (2 दिसंबर) को आगे बढ़ गया. ‘ओखी’ ने दक्षिण भारत में भारी तबाही मचायी है. अधिकारियों ने बताया कि बुधवार (29 नवंबर) रात से देश के कई हिस्सों में तेज हवाओं और बारिश के चलते 77,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. तूफानी मौसम के चलते बिजली आपूर्ति, आवश्यक सेवाएं एवं हवाई यातायात बाधित हो गया. खराब मौसम के कारण कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गयीं और पेड़ जमीन से उखड़ गये. पुलिस ने बताया कि पांच लोगों के ‘‘लापता’’ होने की रिपोर्ट मिली है और बुधवार (29 नवंबर) रात से बारिश एवं तूफान के चलते कम से कम 13 लोगों की मौत हो गयी.

उन्होंने बताया कि दक्षिणी श्रीलंका के अम्बालांगोडा इलाके में सबसे अधिक चार लोगों के मरने की रिपोर्ट मिली है. पुलिस के अनुसार अम्बालांगोडा में अस्थायी राहत शिविरों में करीब 4,000 लोग शरण लिये हुए हैं. बुधवार (29 नवंबर) को द्वीप देश में तेज हवाएं चलीं और लगातार बारिश हुई जिसके बाद इसने चक्रवात ‘ओखी’ का रूप ले लिया. ‘ओखी’ ने दक्षिण भारत के राज्यों – तमिलनाडु एवं केरल के कई हिस्सों में तबाही मचायी है, जिसके कारण कई लोग हताहत हुए हैं और संपत्ति को नुकसान पहुंचा है.

श्रीलंका के मौसम विभाग ने शनिवार (2 दिसंबर) को घोषणा की कि ‘ओखी’ अब द्वीप से करीब 850-किलोमीटर पश्चिम में है और अब वह इससे दूर जा रहा है. एक बयान में विभाग ने कहा, ‘‘हालांकि देश पर इसका प्रभाव धीरे-धीरे कम होने की संभावना है.’’ विभाग ने कहा कि पश्चिमी सबारागामुआ एवं मध्य प्रांतों में आज (शनिवार, 2 दिसंबर) बाद में ‘‘भारी बारिश’’ एवं गरज के साथ छींटे पड़ने, जबकि रत्नापुरा, कलुथारा और गाले जिलों में ‘‘तेज आंधियां’’ चलने की आशंका है.

गुरुवार (30 नवंबर) को संसद को संबोधित करते हुए श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने कहा था कि उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे खराब मौसम के चलते प्रभावित हुए हर परिवार को आपात सहायता के तौर पर 10,000 रुपये की सहायता राशि दें. खराब मौसम के मद्देनजर सेना को राहत एवं बचाव अभियान के लिये लगाया गया है.

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