नई दिल्ली: आधार के जरिये मौजूदा मोबाइल फोन ग्राहकों के पुन: सत्यापन की प्रक्रिया को अधिक सुगम और सुविधाजनक बनाने के प्रयास जारी हैं. उपभोक्ता के घर पर पुन: सत्यापन की अनुमति के अलावा वनटाइम पासवर्ड (ओटीपी) के जरिये भी सत्यापन की प्रक्रिया 1 दिसंबर से शुरू होनी थी लेकिन नहीं हो सकी. दूरसंचार कंपनियों ने सरकार से 4-6 सप्ताह का और समय मांगा है. अब यह प्रक्रिया 1 जनवरी से शुरू होगी. इस प्रकिया में मोबाइल नंबर को ऐप और IVRS के जरिए आधार से लिंक कराया जा सकेगा. भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने (UIDAI) पहले ही नए तरीकों से सिम कार्ड को आधार से लिंक करने के टेलीकॉम कंपनियों के प्लान को मंजूरी दे चुका है. दूरसंचार विभाग ने टेलीकॉम कंपनियों से इस नई प्रक्रिया को एक जनवरी 2018 तक लागू करने का आदेश दिया है
दूरसंचार विभाग ने विदेशी नागरिकों के साथ साथ प्रवासी भारतीयों के सिम के पुनर्सत्यापन की प्रक्रिया तय कर दी. इसके साथ ही 70 साल से अधिक आयु वाले वरिष्ठ नागरिक जिनके पास आधार नहीं है तथा बायोमेट्रिक सत्यापन नहीं करवा पाने वालों के सिम के पुनर्सत्यापन की प्रक्रिया भी नियत कर दी है. विभाग ने अपने आदेश में सभी दूरसंचार कंपनियों से कहा है कि वे वैकल्पिक उपाय एक जनवरी 2018 से लागू कर दें. बता दें कि आधार को मोबाइल नंबर से लिंक कराने की डेडलाइन 6 फरवरी है. हालांकि, सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में डेडलाइन 31 मार्च 2017 तक बढ़ाने की बात कही है.
सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने 20 नवंबर को इस संबंध में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) और दूरसंचार विभाग को पत्र लिखकर कहा था कि 1 दिसंबर की डेडलाइन व्यवहारिक रूप से पूरा कर पाना संभव नहीं है. सीओएआई ने कुछ तकनीकी दिक्कतों का हवाला देते हुए जनवरी के दूसरे सप्ताह यानी 15 जनवरी तक का समय मांगा है. पत्र में बहुत ही जटिल समस्या की ओर ध्यान आकर्षित किया गया है. पत्र में लिखा है कि जिन यूजर्स ने सेल फोन नंबर बदल लिए हैं, लेकिन उसे यूआईडीएआई डेटाबेस में अपडेट नहीं किया ऐसे में लिंकिंग प्रक्रिया के दौरान टेलीकॉम कंपनियां यूआईडीएआई को ओटीपी के लिए आधार डेटाबेस में पंजीकृत नंबर पर भेजने का अनुरोध करती हैं. लेकिन यदि यूजर ने अपना मोबाइल नंबर बदल लिया है और यदि सर्कुलेशन में जा चुका है और किसी अन्य यूजर को असाइन हो चुका है तो संबंधित व्यक्ति को ओटीपी भेजना तकनीकी रूप से संभव नहीं हो पाएगा.
उधर, उच्चतम न्यायालय यदि आधार के पक्ष में निर्णय सुनाता है तो सरकार पैन कार्ड को आधार से जोड़ने के लिए तीन-छह माह का समय दे सकती है. उसके बाद सरकार के बिना आधार से जुड़े सभी पैन कार्डों को निरस्त करने की संभावना है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी है. अधिकारी ने कहा कि इस निरस्तीकरण से सभी नकली पैन कार्ड समाप्त हो जाएंगे और बेनामी लेनदेन को शून्य किया जा सकेगा. आयकर विभाग द्वारा जारी पैन संख्या को अभी आधार से जोड़ने की समयसीमा 31 दिसंबर तक है. सरकार ने उच्चतम न्यायालय को संकेत दिया है कि वह इस समयसीमा को 31 मार्च 2018 तक बढ़ा सकता है.