दिल्ली के साकेत इलाके में स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से तीन लाख रुपये कैश चोरी होने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. पीड़ित दूध कारोबारी की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी महिलाओं के खिलाफ केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी है. सीसीटीवी फुटेज की मदद से पुलिस एक महिला गैंग के बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास कर रही है.
पुलिस के मुताबिक, दिल्ली के संगम विहार में 44 वर्षीय महेन्द्र कुमार मदर डेयरी और डीएमस के दूध डिस्ट्रीब्यूटर हैं. प्रतिदिन छह से सात लाख रुपये का काम है, जिसे रोजाना साकेत स्थित एसबीआई बैंक में जमा कराने जाया करते थे. एक पैर से दिव्यांग महेन्द्र 30 नवंबर को अपने दोस्त मोनू के साथ बैंक में कैश जमा कराने के लिए गए थे. कैशियर अपने सीट पर नहीं था.
इस वजह से उन्होंने रुपये काउंटर के अंदर रख दिया और बगल में ही सीट पर बैठ गए. कैशियर के आने का इंतजार करने लगे. अचानक दो महिलाएं और कुछ युवक उनके सामने आकर खड़े हो गए. मौके की तलाश में काउंटर के नजदीक खड़ी महिला ने हाथ डाल रकम निकाल ली और फिर वहां से एकदम चलती बनी. गैंग की अन्य महिलाएं भी चलती बनीं.
सूट सलवार पहने महिला चोरनी को इसका कतई डर नहीं था कि वह बैंक में लगे सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हो सकती है. थोड़ी देर बाद जब महेन्द्र कैश काउंटर पर पहुंचे तो उन्हें रुपये गायब मिले. चोरी की रकम में 62 नोट दो हजार और 452 नोट पांच सौ के थे. इस घटना के बाद सीसीटीवी फुटेज चेक की गई, जहां महिला गैंग की करतूत उजागर हुई.
इसके बाद पीड़ित ने मामले की जानकारी पुलिस को दी. शुरुआती जांच पड़ताल के बाद पुलिस ने चोरी का मुकदमा दर्ज कर लिया है. सीसीटीवी फुटेज की मदद से महिला गैंग के बारे में जानकारी जुटायी जा रही है. पीड़ित महेन्द्र ने बैंक को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि बीते कुछ दिनों से उन्हें एसबीआई की ओर से परेशान किया जा रहा था.
इतनी बड़ी रकम बैंक में जमा कराने की बाबत उन्हें प्रतिदिन खुद आकर जमा पर्ची पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा जाता था. उन्हें यह भी हिदायत दी गई कि इतनी बड़ी रकम जमा कराने के लिए दो हजार और पांच सौ के ही नोट लेकर आएं. चोरी की घटना के पीछे वह सीधे तौर पर बैंक प्रशासन को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है.