आइये अब जानते है कि हम नवदुर्गा स्वरूप माता चंद्रघंटा के विषय मे जाने

आइये अब जानते है कि हम नवदुर्गा स्वरूप माता चंद्रघंटा के विषय मे जाने…. . प्रातः चिंतन या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।। जो देवी समस्त प्राणियों में शक्तिरूप से स्थिति हैं उन माँ जगदम्बा को नमस्कार है.. नमस्कार है.. नमस्कार है.. नाबरात्री अनुष्ठान चंद्रघंटा पूजा: प्रातः नित्य समय पर आपके नवरात्रि अनुष्ठान अंतर्गत मां को शुद्ध जल और पंचामृत से स्नान कराएं.. अलग अलग तरह के फूल..अक्षत.. कुमकुम.. सिन्दूर.. अर्पित करें.. केसर दूध से बनी मिठाइयों या खीर का भोग लगाएं.. मां को सफेद कमल.. लाल…

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घोड़े पर सवार होकर आएंगी मां भगवती-जानिए क्या होगा

इस वर्ष शारदीय नवरात्र दिनांक 17 अक्टूबर से आरंभ होकर 25 अक्टूबर दशहरा तक चलेंगे। शनिवार से नवरात्र आरंभ होने कारण मां भगवती घोड़े पर सवार होकर आएंगी। घोड़े पर सवार होने का अर्थ होता है कि आर्थिक रूप से तो अच्छा संकेत है, किन्तु राजनीतिक और सामाजिक स्थितियों में उठापटक रहेगी। अतिवृष्टि,अनावृष्टि, प्राकृतिक आपदाएं और  सांप्रदायिक तनाव के योग बन रहे हैं। देश को युद्ध या युद्ध जैसी विभीषिका से भी गुजरना पड़ सकता है । इस दिन से शुरू होंगे नवरात्र -प्रथम नवरात्र 17 अक्टूबर 2020 -द्वितीय नवरात्र…

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आज विशेष :-आज ब्रह्म योग में तांबा दान करना शुभ फलदायी होता है

आज विशेष :- आज ब्रह्म योग में तांबा दान करना शुभ फलदायी होता है शनिवार को लोहे की शनि देव की मूर्ति का गंध पुष्पादि से पूजन करके व्रत करें तो शनि जनित समस्त दोष दूर होते है तथा सुख-संपत्ति बढ़ती है चित्रा नक्षत्र में इंद्र देव की विधि-विधान से गंध फल पुष्प दूध दही धूप व दीप आदि से पूजा कर व्रत करें तो ऐश्वर्य एवं सुख-संपत्ति मिलती है * शनिवार व्रत कथा :- * पूजा विधि :- इस दिन शनिदेव की पूजा होती है। काला तिल, काला वस्त्र,…

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शनि 28 सितंबर से वक्री होंगे- शनि अब पूरे 142 दिन बाद यानी 29 सितंबर को सुबह 10 बजकर 45 मिनट पर वक्री से मार्गी हो रहे हैं

शनिदेव का नाम आते ही इंसान के मन में एक डर सा बैठ जाता कि कहीं उनके जीवन में कोई परेशानी तो नहीं आने वाली। अमूमन कहा जाता है कि जिनकी कुंडली में शनिदोष होता है उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं, लेकिन ऐसा नहीं शनि भगवान को न्याय का देवता माना जाता है, वह मनुष्य को उसके कर्म का उचित फल देते हैं। अब चूंकि शानिदेव अपनी चाल बदल रहे हैं ऐसे में कई राशियों के दिन भी अब बदलने वाले हैं। जी हां अक्टूबर…

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एक बार शाम को संध्या के समय बाबा शिव माता पार्वती भ्रमण को निकले-घूमते घूमते अयोध्या नगरी पहुंचे तो

एक बार शाम को संध्या के समय बाबा शिव माता पार्वती भ्रमण को निकले,,, घूमते घूमते अयोध्या नगरी पहुंचे तो भोलेबाबा की नजर श्रीराम जी पर पड़ी, राम जी अपने राज्य में किसी किसी के दरवाजे पर जा कुछ कह रहे थे फिर आगे बढ जा रहे थे,,, महादेव को जिज्ञासा हुई, उन्होंने वहीं से ध्यान से सुना,,,, राम जी ब्राह्मण से निवेदन कर रहे थे कल हमारे यहां श्राद्ध है आप जीमने आइएगा, ये कह राम जी आगे बाद गए,,, महादेव खुश, पार्वती माता से बोले कल हम भी…

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“लौटना कभी आसान नहीं होता”…………..!

*”लौटना कभी आसान नहीं होता”*…………..! एक आदमी राजा के पास गया कि वो बहुत गरीब है, उसके पास कुछ भी नहीं, उसे मदद चाहिए… राजा दयालु था..उसने पूछा कि “क्या मदद चाहिए..?” आदमी ने कहा..”थोड़ा-सा भूखंड..” राजा ने कहा, “कल सुबह सूर्योदय के समय तुम यहां आना..ज़मीन पर तुम दौड़ना जितनी दूर तक दौड़ पाओगे वो पूरा भूखंड तुम्हारा। परंतु ध्यान रहे,जहां से तुम दौड़ना शुरू करोगे, सूर्यास्त तक तुम्हें वहीं लौट आना होगा,अन्यथा कुछ नहीं मिलेगा…!” आदमी खुश हो गया… सुबह हुई.. सूर्योदय के साथ आदमी दौड़ने लगा… आदमी…

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ब्रह्मांड के सबसे पहले वास्तुकार-भगवान विश्वकर्मा की जयंती 16 सितंबर 2020, बुधवार को मनाई जाएगी

नई दिल्ली। ब्रह्मांड के सबसे पहले वास्तुकार, इंजीनियर भगवान विश्वकर्मा की जयंती 16 सितंबर 2020, बुधवार को मनाई जाएगी। भगवान विश्वकर्मा का जन्म कन्या संक्रांति में हुआ था, जो 16 सितंबर को आ रही है। संपूर्ण भारत में इस दिन उद्योगों, फैक्टरियों आदि में मशीनों की पूजा की जाती है। भारत के कर्नाटक, असम, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, त्रिपुरा में बड़े पैमाने पर मनाई जाती है। ब्रह्मांड के सबसे पहले वास्तुकार हैं भगवान विश्वकर्मा पौराणिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है कि भगवान विश्वकर्मा ने ही देवताओं के लिए…

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साँप ने दूध में अपना विष डाल दिया जिससे 100 के 100 अंधे व्यक्ति मर गये

एक बार किसी राजा ने फैसला लिया के वह प्रतिदिन 100 अंधे लोगों को खीर खिलाया करेगा। एक दिन खीर वाले दूध में साँप ने दूध में अपना विष डाल दिया जिससे 100 के 100 अंधे व्यक्ति मर गये। राजा बहुत परेशान हुआ कि मुझे 100 आदमियों की हत्या का पाप लगेगा। वह अपनी राजधानी छोड़ जंगलों में प्रायश्चित करने के लिए चल पड़ा। रास्ते में एक गाँव आया। राजा ने चौपाल में बैठे लोगों से पूछा की क्या इस गाँव में कोई भक्ति भाव वाला परिवार है जिसके घर…

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आपके कुंडली में पितृ दोष है या नहीं-करें ये उपाय

कुंडली में पितृ दोष होने के कारण इंसान का जीवन कष्टों से भरा जाता है और वो सदा दुखी ही रहता है। कुंडली में पितृ दोष आते ही जिंदगी में एकदम से परिवर्तन आ जाता है और इसका असर सबसे पहले मुनष्य की सेहत पर पड़ता है। हमारे ज्योषित शास्त्र में पितृ दोष का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि, कुंडली में ये दोष होने पर इंसान के जीवन में विपदाएँ आना शुरु हो जाती हैं । क्या होते हैं पितृ दोष के लक्षण शास्त्रों के अनुसार अगर हमारे…

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जानिए क्यों की जाती है पीपल की पूजा?

जानिए क्यों की जाती है पीपल की पूजा – एक पौराणिक कथा के अनुसार लक्ष्मी और उसकी छोटी बहन दरिद्रा विष्णु के पास गई और प्रार्थना करने लगी कि हे प्रभो! हम कहां रहें? इस पर विष्णु भगवान ने दरिद्रा और लक्ष्मी को पीपल के वृक्ष पर रहने की अनुमति प्रदान कर दी। इस तरह वे दोनों पीपल के वृक्ष में रहने लगीं। विष्णु भगवान की ओर से उन्हें यह वरदान मिला कि जो व्यक्ति शनिवार को पीपल की पूजा करेगा, उसे शनि ग्रह के प्रभाव से मुक्ति मिलेगी। उस पर…

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