छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी का आज निधन हो गया। अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी ने ट्वीट कर अपने पिता के निधन की सूचना दी है। उन्होंने लिखा, ’20 वर्षीय युवा छत्तीसगढ़ राज्य के सिर से आज उसके पिता का साया उठ गया। केवल मैंने ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ ने नेता नहीं, अपना पिता खोया है। अजीत जोगी ढाई करोड़ लोगों के अपने परिवार को छोड़कर, ईश्वर के पास चले गए। गांव-गरीब का सहारा,छत्तीसगढ़ का दुलारा, हमसे बहुत दूर चला गया।’
अमित जोगी ने कहा वेदना की इस घड़ी में मैं निशब्द हूं। परम पिता परमेश्वरम उनकी आत्मा को शांति और हम सबको शक्ति दे। उनका अंतिम संस्कार उनकी जन्मभूमि गौरेला में कल होगा।
अजीत जोगी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। हृदयाघात के बाद 9 मई से जनता कांग्रेस के प्रमुख अजीत जोगी कोमा में थे। यहां उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई थी। आज उन्होंने अस्पताल में ही अंतिम सांस ली।
देश के उपराष्ट्रपति एम वैंकेया नायडू ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन पर शोक जताते हुए उनके परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की है।
अजीत जोगी का पूरा नाम है अजीत प्रमोद कुमार जोगी। मध्य प्रदेश के विभाजन के होने के बाद 1 नवंबर 2000 को जब छत्तीसगढ़ के नाम से एक अलग राज्य बना था तो वे यहां के पहले मुख्यमंत्री चुने गए थे।
अजीत जोगी के बारे में ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने अपने करियर की शुरुआत बतौर कलेक्टर की थी। जोगी जिस दौरान इंदौर में कलेक्टरी कर रहे थे उस समय तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के संपर्क में आ गए। 1986 के आसपास उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन कर ली और सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया।
कौन थे अजीत जोगी?
छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद श्री अजीत जोगी जी के निधन का समाचार सुनकर बहुत दुःख हुआ। मेरी संवेदनायें शोकाकुल परिजनों और सहयोगियों के साथ हैं। ईश्वर दिवंगत आत्मा को आशीर्वाद प्रदान करें। ओम शांति! pic.twitter.com/CzGLxfedwJ
— Vice President of India (@VPSecretariat) May 29, 2020
बिलासपुर के पेंड्रा में जन्में अजीत जोगी ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद पहले भारतीय पुलिस सेवा और फिर भारतीय प्रशासनिक की नौकरी की। बाद में वे मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के सुझाव पर राजनीति में आये।
अजीत जोगी साल 1986 से 1998 तक राज्यसभा के सदस्य रहे। इस दौरान वह कांग्रेस में अलग-अलग पद पर कार्य करते रहे, वहीं 1998 में रायगढ़ से लोकसभा सांसद चुने गए। वे विधायक और सांसद भी रहे। उसके बाद वह वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के दौरान यहां के पहले मुख्यमंत्री बने तथा वर्ष 2003 तक मुख्यमंत्री रहे। राज्य में वर्ष 2003 में हुए विधानसभा के पहले चुनाव में कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी से पराजित हो गई थी।
सादर श्रद्धांजलि!
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री श्री अजीत जोगी जी का निधन मेरे लिए बेहद दुखद है। इंदौर कलेक्टर रहते हुए, उन्होंने कई बड़े फैसले लिए, जिनका शहर को लाभ मिला। वे अच्छे प्रशासक होने के साथ बहुत अच्छे व्यक्ति भी थे। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दे।
ॐ शांति!
— Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) May 29, 2020
हालांकि, उसके बाद जोगी की तबीयत खराब होती रही और उनका राजनीतिक ग्राफ भी गिरता गया। लगातार वह पार्टी में बगावती तेवर अपनाते रहे और अंत में उन्होंने अपनी अलग राह चुन ली। राज्य में कांग्रेस नेताओं से मतभेद के चलते जोगी ने साल 2016 में नई पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) का गठन कर लिया था और वह उसके प्रमुख थे। अजीत जोगी ने 2016 में कांग्रेस से बगावत कर अपनी अलग पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के नाम से गठन किया था जबकि एक दौर में वो राज्य में कांग्रेस का चेहरा हुआ करते थे।
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