जीएसटी व डीजल के दामों में रोजाना तब्दीली समेत अन्य मुद्दों के विरोध में ट्रांसपोर्टरों ने 9 व 10 अक्टूबर को हड़ताल पर जाने की घोषणा की है. आल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) के बैनर तले यह हड़ताल राष्ट्रीय स्तर पर होगी. दरअसल एआईएमटीसी होने जा रही जीएसटी काउंसिल की बैठक से पहले ही आगाह करना चाहता है कि वह ट्रांस्पोर्टरों की मांगों पर भी ध्यान दें. इसलिए एआईएमटीसी ने काउंसिल की बैठक से ठीक पहले दो दिन की सांकेतिक हड़ताल की घोषणा कर दी है.
एआइएमटीसी अध्यक्ष एस.के. मित्तल ने आरोप लगाया है कि ट्रांसपोर्टर संगठन इन मुद्दों को केंद्र सरकार के समक्ष रख चुके हैं, लेकिन सरकार ट्रांसपोर्टरों की व्यवहारिक दिक्कतों को समझने को तैयार नहीं है और इस वजह से यह फैसला लिया जा रहा है. इसके बाद भी अगर सरकार नहीं सुनती तो दीपावली बाद अनिश्चितकालीन हड़ताल का विकल्प खुला है. एआईएमटीसी के उपाध्यक्ष हरीश सभरवाल ने कहा कि जीएसटी में ट्रांसपोर्टरों के पंजीकरण को लेकर असंमजस की स्थिति है. एक तरफ सरकार कहती है कि पंजीकरण ऐच्छिक है, लेकिन प्रावधान ऐसा है कि पंजीकरण अनिवार्य है.
उनका कहना है कि इसके अलावा भी जीएसटी को लेकर अन्य दिक्कते हैं, जिसे दूर किया जाना जरूरी है. इसी तरह डीजल के दाम में रोजाना उतार-चढ़ाव से ट्रांसपोर्टर का धंधा प्रभावित है, क्योंकि 70 फीसदी खर्च डीजल पर ही है. इसके साथ सड़क पर भ्रष्टाचार बड़ा मुद्दा है.
त्योहार हो सकता है प्रभावित
दिवाली से पहले दो दिन की देशव्यापी इस बंद से बाजार पर गहरा असर पड़ेगा. ट्रांसपोर्टर भी इस बात को भली-भांति समझते हैं कि उनके दो दिन के इस हड़ताल का असर दिवाली के त्योहार पर पड़ेगा, लेकिन सरकार पर दवाब के लिए इसे वह जरूरी भी बताते हैं. उनका कहना है कि हम लोग बुरी स्थिति से गुजर रहे हैं, लेकिन सरकार सुनने के लिए तैयार नहीं है.