3 फ्रूट जूस जो ब्लड प्रेशर को करेंगे कंट्रोल-हाई ब्लड प्रेशर क्या है, क्या खाएं, क्या नहीं..!

उच्च रक्तचाप या हाइपरटेंशन (Hypertension) तब विकसित होता है, जब रक्त धमनियों यानी नसों की दीवारों पर अधिक बल लगाता है, जिससे रक्तचाप का स्तर बढ़ जाता है, जो 140/90 mmHg की ऊपरी सीमा रेखा को पार कर जाता है.

अस्वास्थ्यकर भोजन की आदत, काम करने के लंबे घंटे और तनाव कुछ ऐसे कारण हैं जिनकी वजह से जीवनशैली से जुड़ी कई बीमारियां हो सकती हैं. इन्हीं में से एक है हाई ब्लड प्रेशर, उच्च रक्तचाप या हाइपरटेंशन (Hypertension). उच्च रक्तचाप या हाइपरटेंशन (Hypertension) तब विकसित होता है, जब रक्त धमनियों यानी नसों की दीवारों पर अधिक बल लगाता है, जिससे रक्तचाप का स्तर बढ़ जाता है, जो 140/90 mmHg की ऊपरी सीमा रेखा को पार कर जाता है. ब्लड प्रेशर क्या है (What is blood Pressure) अगर आप यही सोच रहे है तो आपको बता दें कि रक्तचाप मूल रूप से रक्त वाहिकाओं पर लगाया जाने वाला दबाव है, जो रक्त प्रवाह और संकुचन और हृदय की शिथिलता के परिणामस्वरूप होता है. उच्च रक्तचाप या हाई ब्लड प्रेशर (Hypertension), अपने प्रारंभिक चरण में, कोई गंभीर खतरा पैदा नहीं करता है. हालांकि, अगर समय पर इसका इलाज नहीं किया जाता है, तो यह हृदय की समस्याओं जैसे दिल के दौरे (heart attack) जैसी समस्या को पैदा कर सकता है. इसीलिए जरूरी हो जाता है कि उच्च रक्तचाप के रोगी स्वस्थ आहार का पालन करें. ऐसे में उच्च रक्तचाप को रोकने के लिए जाने वाले खाद्य पदार्थों को शामिल करने की सलाह दी जाती है

Foods That Are Good for High Blood Pressure: पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों के मिश्रण से युक्त संतुलित आहार उच्च रक्तचाप के प्रबंधन में काफी हद तक मदद कर सकता है. डॉक्टर पोटेशियम वाले खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन करने की सलाह देते हैं और उच्च सोडियम सामग्री वाले खाद्य पदार्थों से बचते हैं. स्वस्थ भोजन, सलाद और फलों के अलावा, कुछ फलों से बने जूस उच्च रक्तचाप को नियंत्रण (hypertension in check) में रखने में मददगार हो सकते हैं.

हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में फायदेमंद 3 फलों के जूस | 3 Fruit juices that may help regulate blood pressure levels
हाई बीपी को कंट्रोल करेगा अनार का जूस (Pomegranate Juice For Hypertension)
अनार का जूस (Pomegranate juice) जरूरी विटामिन और पोटेशियम से भरपूर है, जो रक्त संचार को सुचारू बनाने में मदद करता है. अनार के रस को एसीई यानी एंजियोटेंसिन परिवर्तित एंजाइम (ACE, angiotensin converting enzyme) से लड़ने और खत्म करने के लिए भी जाना जाता है. एंजियोटेंसिन परिवर्तित एंजाइम – एक ऐसा एंजाइम है जो रक्त वाहिकाओं को कठोर करता है, जिससे रक्तचाप में वृद्धि होती है.

हाइपरटेंशन से बचा सकता है लाल रंग की खट्टी बेरी का रस (Cranberry Juice For Hypertension)
क्रैनबेरी एक पोषक-सघन फल है, लेकिन विटामिन सी की इसकी उच्च सामग्री है, जो इसे उच्च रक्तचाप के लिए एक बेहतरीन भोजन बनाती है. कम कैलोरी वाली क्रैनबेरी का रस रक्त वाहिकाओं को पतला करने और रक्त के उचित परिसंचरण में मदद करता है.

उच्च रक्तचाप के लिए भोजन में शामिल करें संतरे का रस (Orange Juice For Hypertension)
विटामिन सी से भरपूर फल – नारंगी या संतरा – का ताज़ा रस पोटेशियम, फोलेट और प्राकृतिक साइट्रस बायोफ्लेवोनॉइड्स से भरपूर होता है. जो रक्तचाप के स्तर को कम रखने में मदद करते हैं, चयापचय में सुधार करते हैं और हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते हैं.

High Blood Pressure: हाई ब्‍लड प्रेशर को कंट्रोल कर सकती है अजवाइन, जानें इसके फायदेहाई ब्‍लड प्रेशर या हाइपरटेंशन आज दुनिया भर में लाखों लोगों को परेशान कर रहा है. इसे एक ऐसी स्थिति के रूप में परिभाषित किया जाता है जिसमें धमनियों में रक्‍त का दबाव बढ़ जाता है.

हाई ब्‍लड प्रेशर या हाइपरटेंशन आज दुनिया भर में लाखों लोगों को परेशान कर रहा है. इसे एक ऐसी स्थिति के रूप में परिभाषित किया जाता है जिसमें धमनियों में रक्‍त का दबाव बढ़ जाता है. उचित देखभाल और ध्यान न देने के कारण, हाई बीपी स्ट्रोक का रूप ले सकता है. हाई ब्‍लड प्रेशर वाले लोगों को अक्सर अपनी डाइट से अत्यधिक नमक, मसालेदार और फैटी खाद्य पदार्थों को हटाने की सलाह दी जाती है. यह सच है कि अधिक मसालेदार भोजन खाने से धमनियों में रूकावट आ सकती है और ब्‍लड प्रेशर बढ़ सकता है. लेकिन अपनी डाइट से सभी मसालों को हटाना निश्चित रूप से आवश्यक नहीं है. आपकी किचन में कुछ मसाले वास्तव में आपके हार्ट के लिए चमत्कार कर सकते हैं. बशर्ते वे अच्छी तरह से और संयम में उपयोग किए जाते हों. आयुर्वेद के मुताबिक, अजवाइन एक ऐसा मसाला है जो हाई बल्‍ड प्रेशर के लेवल को कंट्रोल कर सकता है

High Blood Pressure: क्या हाई बीपी के मरीज आलू खा सकते हैं? यहां पढ़ें आलू के फायदे और नुकसानAre Potatoes Safe For High BP Patients: आलू में भरपूर मात्रा में विटामिन सी, फाइबर, पोटैशियम, विटामिन बी, कॉपर, ट्राइप्टोफन, मैग्नेज और आंखों की सेहत को अच्छा करने वाले लुटिन्स होते हैं.

Potatoes and Blood Pressure Management: क्या आप जानते हैं कि 16वीं सदी से पहले तक आलू भारतीय आहार का हिस्सा नहीं थे? आलू भारत में तब आए जब पुर्तगाली भारत (Portuguese arrived to India) पहुंचे. यही वो समय था जब हर सब्जी में डलते ही स्वाद के मायने बदलने वाला आलू भारतीय रसोई में पहुंचा था. इसके बाद से हम सभी ने आलू को इस तरह अपनाया कि शायद लोगों के लिए यह मानना भी मुश्किल होगा कि आलू असल में भारतीय सब्जी नहीं है. उस समय के बाद से हम आलू को ग्रेवी, क्यूरी, पुलाव हों या चावल की अलग-अलग रेसिपी में, हलवा, मीठा आहार, पराठा, फ्राईज और भी कई तरह के आहार में हम आलू का इस्तेमाल जमकर करते हैं. जैसे ही हम आलू के बारे में सुनते हैं तुरंत हमारे में मन चटपटा और उसे तल का खाने का मन कर जाता है. हाई ब्लड प्रेशर डाइट मेनू सही होना जरूरी है. इसके लिए आप हाई ब्लड प्रेशर डाइट चार्ट बना सकते हैं, जिसमें यह तय किया जाए कि हाई बीपी में क्या नहीं खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए. अगर आप भी इस बात को लेकर दुविधा में हैं कि हाई ब्लड प्रेशर में क्या खाएं और हाई ब्लड प्रेशर को तुरंत कंट्रोल कैसे करे और ब्लड प्रेशर कितना होना चाहिए तो इन बातों के जवाब हम आपको देते हैं. हां, यह भी सच है कि आलू सबसे ज्यादा कार्बोहाइड्रेट वाली सब्जी है, लेकिन इसके साथ ही एक सच यह भी है कि यह आपके आहार में शामिल होने वाला सबसे सेहतमंद फल बन सकता है. आलू में भरपूर मात्रा में विटामिन सी, फाइबर, पोटैशियम, विटामिन बी, कॉपर, ट्राइप्टोफन, मैग्नेज और आंखों की सेहत को अच्छा करने वाले लुटिन्स होते हैं. खार के गुण वाला होने के चलते आलू आपके शरीर को अतिरिक्त टॉक्सिन से छुटकारा दिलाता है. आलू में एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण (anti-inflammatory properties) होते हैं, जो दर्द और अल्सर से राहत देते हैं. अगर आलू को सही तरह से पकाया और खाया जाए तो यह आपको सेहत से जुड़े कई फायदे दे सकता है. आलू ब्लड प्रेशर लेवल (Blood pressure levels) को नियंत्रित करने में भी मददगार है.

कैसे ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करेगा आलू (Why Potatoes Are Good For Blood Pressure Management?)

Blood Pressure Management: डीके पब्लिकेशन हाउस की किताब ‘हीलिंग फूड्स’ के अनुसार, ”आलू में काफी अधिक मात्रा में क्लोरोजेनिक एसिड और एंथोसायनिन (Chlorogenic acid and Anthocyanins) कैमिकल होते हैं, जो ब्लड प्रेशर को कम करने में मददगार हैं. पर्पल आलू में मौजूद पोलिफेनोल भी काफी मददगार साबित होता है.” इसके साथ ही साथ आलू पोटैशियम का भी अच्छा सोर्स हैं. न्यूट्रिशनिस्ट शिल्पा अरोड़ा के अनुसार ” हाई पोटैशियम आहार बीपी बढ़ाने में मददगार होते हैं. इसलिए कम बीपी की शिकायत होने पर आहार में आलू, चुकंदर, गाजर, संतरा और केले शामिल करें. ये अच्छे साबित होंगे.”

Calories in Potatoes: पोटैशियम एक ऐसा पोषक तत्व है जो सोडियम के बुरे प्रभावों को कम करता है. यह एक वेसोडिलेटर की तरह काम करता है और यूरिन के जरिए अतिरिक्त सोडियम को शरीर से बाहर निकाल देता है. अत्यधिक सोडियम नसों की तहों पर बहुत ज्यादा दबाव बना देता है, जिससे कि ब्लड शुगर बढ़ जाता है. 100 ग्राम आलू में 421एमजी पोटैशियम होता है. इतना ही नहीं. आलू आपके स्ट्रेस को कम करने का भी काम करेगा. जोकि बीपी के मरीजों में एक आम समस्या है. आलू का सफेद वाला हिस्सा ट्रोप्टोफन का अच्छा सोर्स है. यह एक तरह का अमीनो एसिड होता है, जोकि सेडेटिव गुणों से भरपूर यानी मन को शांति देनेवाली औषधि की तरह काम करता है. तो कुल मिलाकर आलू तनाव को दूर करता है और आपके नर्वस को शांत रखता है.

माना कि आलू का नाम सुनते ही आपका मन फ्राइज, नमकीन और पैटी खाने का करने लगाता है. लेकिन अगर आपको आलू के गुणों का लाभ उठाना है तो इन सबसे तौबा करें. क्योंकि ये सभी ट्रांस फैट से भरपूर होते हैं ओर बलड प्रेशर लेवल को तेजी से बढ़ाने का काम करते हैं. आप ताजा आलू का जूस पी सकते हैं. इसके लिए आलू को साफ करें और इसे ग्रेंड कर लें. इसके बाद पेस्ट को छान कर जूस निकाल लें. इसकी बताई गई डोज लें. इसके अलावा आप आलू को उबाल कर या ग्रिल कर भी खा सकते हैं. हो सके तो आलू को छिलके के साथ खाएं. हर रंग के आलूओं को अपने आहार में शामिल करें.

नोट- इस नुस्खे को अपनाने से पहले या अपने आहार में किसी भी तरह के बदलाव से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें और उनकी सलाह के अनुसार ही आहार में बदलाव करें. बिना सलाह के अपनाए गए घरेलू नुस्खे आपकी सेहत पर विपरीत प्रभाव डाल सकते हैं.

नोट: अपने आहार में किसी भी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह ले लें. आहार में बदलाव बिना डॉक्टरी सलाह के न करें.

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