नई दिल्ली: रेलवे टेंडर घोटाला मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट से लालू यादव परिवार को बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने इस मामले में राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को जमानत दे दी है. इसके साथ ही इसी मामले में अन्य आरोपियों को भी कोर्ट ने एक लाख रुपये के निलजी मुचलके पर जमानत दे दी. लालू के रेल मंत्री रहते हुए IRCTC के पुरी और रांची के होटलों को ठेके पर देने में धांधली के आरोप में आज पटियाला हाउस कोर्ट में सभी की पेशी हुई थी.
वहीं इसी मामले में लालू यादव के लिए सीबीआई ने प्रोडक्शन वॉरंट की मांग की जिसे कोर्ट ने मांन लिया. 6 अक्टूबर को लालू यादव की पेशी के लिए प्रोडक्शन वारंट जारी किया गया. पटियाला हाउस कोर्ट में पेश होने के बाद ही लालू यादव को जमानत मिलेगी. लालू यादव ने कल की चारा घोटाला मामले में पेरोल खत्म होने के बाद रांची की सीबीआई अदालत में सरेंडर किया. जहां उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया. खराब तबीयत के चलते कोर्ट ने लालू को रांची के रिम्स अस्पताल में इलाज करवाले की इजाजत दी है.
क्या है पूरा मामला?
इसकी शुरूआत हुई 2005 में जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे, झारखंड के रांची और ओडिशा के पुरी में रेलवे के दो होटलों को मेसर्स सुजाता होटल प्राइवेट लि. को लीज पर दिया गया. आरोप है कि होटल को लीज पर देने के लिए टेंडर के नियमों में ढील दी गयी और जब होटल लीज पर मिल गया तो इसके बदले डिलाइट मार्केटिंग कंपनी को पटना में 3 एकड़ जमीन मिली. ये जमीन चाणक्य होटल के डायरेक्टर विनय कोचर ने 1 करोड़ 47 लाख में बेची जबकि बाज़ार में उस वक्त इस जमीन की कीमत करीब दो करोड़ रुपए थी.
डिलाइट मार्केटिंग कंपनी आरजेडी सांसद प्रेम चंद गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता के नाम पर थी, सीबीआई का कहना है कि ये कंपनी लालू परिवार की बेनामी कंपनी थी. 2014 में डिलाइट मार्केटिंग कंपनी के शेयर लारा प्रोजेक्ट के नाम ट्रांसफर कर दिए गए, लारा प्रोजेक्ट कंपनी में लालू की पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी डायरेक्टर हैं, जब सारे शेयर डिलाइट मार्केटिंग कंपनी से लारा प्रोजेक्ट में ट्रांसफर हो गए तब इस जमीन की कीमत करीब 32 करोड़ रूपए हो गयी. यहां पर जो बात सबसे ज्यादा हैरान करती है वो ये कि 32 करोड़ की इस ज़मीन को लालू के परिवार की कंपनी लारा प्रोजेक्ट को सिर्फ 65 लाख रूपए लेकर ट्रांसफर कर दिया गया.