पटना: राज्य में बाढ़ की स्थिति गंभीर- बाढ़ राहत के लिए आज से उतरेंगे सेना के हेलीकॉप्टर

पटना: राज्य में बाढ़ की स्थिति गंभीर  होती जा रही है. गंडक नदी में पानी के रिकॉर्ड डिस्चार्ज के कारण गुरुवार की आधी रात गोपालगंज व पूर्वी चंपारण जिले में उसका मुख्य तटबंध तीन जगह टूट गया. इससे बड़े इलाके में पानी फैल गया है. इसके कारण इस्ट-वेस्ट कॉरिडोर (एनएच 28) पर परिचालन बाधित हो गया है. वहीं, हायाघाट के पुराने रेल पुल के गार्डर पर बागमती का पानी चढ़ने से दरभंगा-समस्तीपुर रेलमार्ग बंद हो गया है. आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि 10 जिलों की 435 पंचायतों में करीब आठ लाख की आबादी बाढ़ से पीड़ित हुई है. राज्य सरकार ने वायुसेना से हेलीकाॅप्टर की मांग की है. शनिवार की सुबह तक हेलीकाॅप्टर पटना पहुंच जायेंगे. इसके तुरंत बाद बाढ़ग्रस्त इलाकों में राहत पैकेट गिराये जायेंगे.

सारण मुख्य तटबंध और तीन जगहों पर रिंग बांध टूटा, 72 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में

गोपालगंज में मांझा प्रखंड के पुरैना और बरौली के देवापुर में सारण मुख्य तटबंध और तीन जगहों पर रिंग बांध टूटा है, जबकि जादोपुर में गाइड बांध टूट गया है. इससे मांझा, सिधवलिया, बरौली व बैकुंठपुर प्रखंडों के 72 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ गये हैं. सीवान व सारण के कई प्रखंडों के भी प्रभावित होने की आशंका है.

गंडक नदी का चंपारण तटबंध टूटा

वहीं, पूर्वी चंपारण जिले के संग्रामपुर के भवानीपुर निहालु टोला के पास गुरुवार की रात करीब एक बजे गंडक नदी का चंपारण तटबंध टूट गया. इससे आधी रात को ही गंडक नदी का पानी केसरिया, कोटवा व संग्रामपुर की दर्जनों पंचायतों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. पानी का बहाव इतना तेज है कि दिल्ली-काठमांडु राजमार्ग 28 स्थित डुमरियाघाट के निर्माणाधीन पुल के पास कटाव शुरू है. इस कारण उस मार्ग पर आवागमन रोक दिया गया है. प्रशासनिक अधिकारी एनडीआरएफ की टीमों के साथ पहुंचकर बचाव कार्य में जुट गये. एनडीआरएफ की टीमों ने रात दो बजे से रेसक्यू शुरू कर दिया है. पानी से घिरे लोगों को घर से निकाल ऊंचे स्थानों पर पहुंचाया.

चलाये जा रहे 28 राहत कैंप

आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि राज्य में 10 जिलों के 435 पंचायतों में करीब आठ लाख की आबादी बाढ़ से पीड़ित हुई है. विभाग के अपर सचिव रामचंद्रू डू ने बताया कि बाढ़पीड़ितों के बीच 28 राहत कैंप चलाये जा रहे हैं. 192 जगहों पर सामुदायिक रसोई चलायी जा रही हैं, जिनमें 81 हजार से अधिक लोगों को भोजन कराया जा रहा है. सर्वाधिक सामुदायिक रसोई दरभंगा में 122 स्थापित शुरू की गयी हैं. गोपालगंज में 14,पूर्वी चंपारण में 27,सीतामढ़ी में तीन,शिवहर में तीन, मुजफ्फरपुर में 15 और खगड़िया में एक सामुदायिक रसोई चल रही है.

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