प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गिरते हुए जीडीपी पर पहली बार विपक्ष के हमलों पर जवाब दिया है. पीएम मोदी ने कंपनी सेक्रेटरीज (ICSI) के कार्यक्रम में कहा कि इस सरकार ने नोटबंदी जैसा कठिन फैसला लेने की हिम्मत की. इस सरकार की उपलब्धि है कि कम कैश के साथ अर्थव्यवस्था को चला रहे हैं. आठ नवंबर 2016 को इतिहास में भ्रष्टाचार से मुक्ति के लिए उठाए गए कदम के रूप में जाना जाएगा. अब ब्लैकमनी लेन देन में 50 बार सोचना पड़ता है. महाभारत में शल्य एक शख्स था, जो लोगों को हतोत्साहित करता था. आज भी कुछ लोगों को निराशा फैलाने में मजा आता है. पिछली सरकार में आठ बार ऐसे मौके आए जब जीडीपी 5.7 फीसदी से नीचे गिरे. इस देश ने वह दिन भी देखे हैं जब विकास दर 0.1 फीसदी हो गए थे. पीएम ने कहा कि ये सच है कि पिछले तीन साल 7 फीसदी से ज्यादा की विकास दर हासिल करने के बाद इस बार इसमें गिरावट आई, लेकिन ये भी सच है कि यह सरकार इसे दूर करने के लिए प्रतिबद्ध है.
पीएम ने कहा कि आचार्य चाणक्य ने कहा है, जैसे पूरे वन में एक ही सूखे पेड़ में आग लग जाए तो पूरा वन जल जाता है. यह बात संस्था पर भी लागू होती है. हमारे देश में मुट्ठी पर लोग हैं जो सरकार और देश को नुकसान पहुंचाने में लगी रहती है. हमारी सरकार ने पहली कैबिनेट में एसआईटी का गठन किया. विदेशों से काला धन लाने के लिए कई तरीके अपनाए. 28 साल से अटका बेनामी संपत्ति कानून लागू किया गया है. कई साल से अटका हुए जीएसटी को लागू किया.
पीएम ने कहा कि जून के बाद कॉमर्शियल गाड़ियों की बिक्री में 12 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है. ट्रैक्टर की बिक्री में 43 फीसदी बढ़ोत्तरी हुई है. ऐसा तब होता है जब देश के लोगों का विश्वास बढ़ता है. पीएम ने व्यापरियों से कहा, हम लकीर के फकीर नहीं हैं. PM मोदी ने कहा कि ऐसी गिरावट अर्थव्यवस्था के लिए और ज्यादा खतरनाक थी, क्योंकि इन वर्षों में भारत Higher Inflation, Higher Current Account Deficit और Higher Fiscal Deficit से जूझ रहा था.