अंतरिक्ष एजेंसी इसरो: चंद्रयान 2 को मिली बड़ी सफलता, चांद की कक्षा में प्रवेश

इस अभियान के दौरान जरा सी गलती भी इस पूरे चंद्रयान 2 (Chandrayaan 2) मिशन को असफल कर सकती थी. यदि ये मिशन सफल रहा तो रूस (Russia), अमेरिका (US) और चीन (China) के बाद चंद्र सतह पर रोवर को उतारने वाला भारत (India) चौथा देश बन जाएगा.

चंद्रयान 2 (Chandrayaan 2) लगभग 30 दिनों की अंतरिक्ष यात्रा के बाद अपने लक्ष्य के करीब पंहुच गया है. भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो (ISRO) ने आज अंतरिक्ष यान को चंद्र की कक्षा में पहुंचाने के अभियान को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. ये अभियान इसके सबसे चुनौतीपूर्ण अभियानों में से एक था, क्योंकि अगर उपग्रह चंद्रमा (Moon) से उच्च गति वाले वेग से पहुंचता, तो वहां की सतह इसे उछाल देता, जिसकी वजह से ये उपग्रह गहरे अंतरिक्ष में चला जाता. लेकिन अगर ये धीमे स्पीड से आता, तो चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण चंद्रयान 2 को खींच लेता और ये उसके सतह पर गिर सकता था.

इसके वेग को सही रखना सबसे बड़ी चुनौती
इस अभियान की दृष्टि से इसका वेग ठीक अनुपात में होना जरूरी था और अभियान के दौरान इस ऑपरेशन के लिए वेग को चंद्रमा के बजाय इसकी ऊंचाई पर ही सही किया गया. इस अभियान के दौरान जरा सी गलती भी इस पूरे मिशन को असफल कर सकती थी. चंद्रमा के साथ कुछ सौ किलोमीटर की दूरी पर उपग्रह फिर से उन्मुख हुआ, इसके बाद इसके वेग को सही मात्रा में धीमा किया गया, ताकि चंद्रमा अंतरिक्ष यान को अपने गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में इसे खींचे. इसके बाद चंद्रयान 2 चांद के नजदीक पहुंचता जाएगा. लगभग दो हफ्ते के लिए चांद की कक्षा में तटवर्ती होने के बाद, इसका चांद पर लैंडिंग 7 सितंबर को निर्धारित है.

इसरो ने लगातार इसपर अपनी नजर बनाए रखी है
ये हमारे देश का अभी तक का सबसे खास अंतरिक्ष अभियान है. 22 जुलाई को प्रक्षेपण यान जीएसएलवी मार्क।।।-एम 1 के जरिए प्रक्षेपित किए गए चंद्रयान-2 ने 14 अगस्त को पृथ्वी की कक्षा से निकलकर अपने चांद की ओर जाने वाले रास्ते पर आगे बढ़ना शुरू किया था. बेंगलुरु के नजदीक ब्याललू में मौजूद डीप स्पेस नेटवर्क के एंटीना की मदद से बेंगलुरु स्थित इसरो, टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क के मिशन ऑपरेशंस कांप्लेक्स से इस यान की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है. इसरो ने 14 अगस्त को कहा था कि चंद्रयान-2 की सभी प्रणालियां सामान्य ढंग से कार्यकत हैं.

मिशन सफल होने से भारत बन जाएगा अंतरिक्ष महाशक्ति
यदि ये मिशन सफल रहा तो रूस, अमेरिका और चीन के बाद चंद्र सतह पर रोवर को उतारने वाला भारत चौथा देश बना जाएगा. चांद पर यान को उतारने का इजरायल का प्रयास इस साल की शुरुआत में नाकाम रहा था. अंतरिक्ष में शूटिंग करने के बाद, अंतरिक्ष यान की कक्षा 23 जुलाई से 6 अगस्त के बीच उत्तरोत्तर पांच बार बढ़ी थी. इसे बाद में 3.84 लाख किलोमीटर की दूरी पर चंद्रमा की ओर रखा गया. लैंडिंग के बाद, रोवर चंद्रमा की सतह पर एक चंद्र दिन के लिए प्रयोग करता है, जो पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर है. लैंडर का जीवन भी एक चंद्र दिन है, जबकि ऑर्बिटर एक वर्ष के लिए अपने मिशन को जारी रखेगा. चंद्रयान 2 मिशन का उद्देश्य चंद्रमा के बारे में ज्ञान का विस्तार करना है, जिससे इसकी उत्पत्ति और विकास की बेहतर समझ हो सके.

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