केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों की समीक्षा और इनका क्या असर हो रहा है, तथा 2019 से पहले क्या करना चाहिए, इस पर विचार के लिए दिल्ली में RSS और BJP की एक समन्वय बैठक हुई. इस बैठक में बीजेपी की तरफ से अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी की आर्थिक नीतियों की जानकारी दी. संघ की तरफ से डॉ. कृष्ण गोपाल बैठक में शामिल हुए.
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने शुक्रवार सुबह हुई बैठक में जानकारी दी कि सरकार की कल्याणकारी योजनाएं कौन-सी हैं और इसके बारे में मतदाताओं तक जानकारी पहुंचाने के लिए पार्टी ने क्या किया है. उन्होंने बताया कि सरकार ने किस तरह उज्ज्वला और बीमा जैसी योजनाएं चलाई हैं और आगे 2019 से पहले उसकी क्या-क्या योजनाएं हैं.
संघ और बीजेपी की आर्थिक मसलों होने वाली यह समन्वय बैठक इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि संघ के तमाम संगठनों में सरकार की आर्थिक नीतियों को लेकर असंतोष की खबरें आ रही थीं. इसके पहले वृंदावन में हुई संघ की तीन दिवसीय बैठक में सरकार नीतियों के प्रति नाराजगी साफ उभर कर आई थी. इस बैठक में भारतीय मजदूर संघ ने पूरी एक सूची बनाकर दी थी कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले सरकार को आर्थिक मोर्चे पर ‘क्या करना’ चाहिए.
गौरतलब है कि गुजरात, हिमाचल चुनाव के दौरान भी बीजेपी को नोटबंदी और जीएसटी जैसे आर्थिक मसलों पर लोगों को जवाब देना मुश्किल हो रहा था. जमीनी स्तर पर काम कर रहे पार्टी पदाधिकारियों को कई जगह मतदाताओं के विरोध का सामना करना पड़ा. लोग रोजाना बढ़ते पेट्रोल, डीजल और गैस के दामों पर सवाल पूछ रहे थे. जनता में यह धारणा बनी है कि भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए नोटबंदी और जीएसटी नाकामयाब रहीं.
इसके पहले भारतीय मजदूर संघ, स्वदेशी जागरण मंच के साथ अन्य छह संगठनों ने नवंबर महीने में मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों के खिलाफ दिल्ली के रामलीला मैदान में महारैली की थी.