भारत व्यापार के अलावा सुरक्षा और आतंकवाद के मुद्दे पर यूएनजीए बैठक के दौरान वैश्विक समर्थन जुटाएगा। दुनिया भर के नेताओं से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और भारतीय दल की मुलाकातों में व्यापार, निवेश के अलावा सुरक्षा, आतंकवाद,आर्थिक अपराधों पर लगाम के लिए सहयोग, जलवायु परिवर्तन सहित अन्य ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा होगी।
कश्मीर पर पाकिस्तान को जवाब देने का काम भारत की कूटनीतिक टीम करेगी। यह सुनिश्चित करने का प्रयास होगा कि पाकिस्तान की वैश्विक एजेंडा से ध्यान भटकाने की कोशिश कामयाब न हो। ज्यादातर देश पहले से भारत के रुख के साथ हैं। ऐसे में भारत मानवाधिकार के नाम पर दोहरा मापदंड अपनाने वाले देशों को नसीहत भी दे सकता है।
आतंकवाद दुनिया भर के लिए समस्या : आतंकवाद दुनिया भर के लिए समस्या है। जब दुनिया के प्रमुख देश अपनी आर्थिक चिंताओं से निपटने में लगे हैं। सबकी चिंता सुरक्षा और आतंकवाद जैसे मुद्दों पर भी है। सूत्रों ने कहा, दुर्भाग्य से ऐसे देश मानवाधिकारों की दुहाई दे रहे हैं जिन्होंने आतंक को शह देकर लाखों लोगों के मानवाधिकारों का हनन किया।
भारत की ओर से यह भी प्रयास होगा कि कश्मीर पर पाक को अलग-थलग किया जा सके। प्रधानमंत्री के स्तर पर इस मुद्दे पर चर्चा नहीं होगी। लेकिन पाक की ओर से कश्मीर पर झूठा राग अलापे जाने के बाद भारतीय दल की ओर से उसे गिलगित बालटिस्तान में मानवाधिकारों के हनन को लेकर घेरा जा सकता है।
सार्क विदेश मंत्रियों की बैठक में सबकी निगाह
यूएनजीए बैठक के दौरान 26 तारीख को सार्क विदेश मंत्रियों की बैठक पर भी सबकी निगाह होगी। इसमें भारत और पाकिस्तान दोनों के विदेशमंत्री शिरकत कर सकते हैं। सूत्रों ने कहा कि भारत पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि सार्क को आतंकवाद नहीं चाहिए। सार्क के ज्यादातर देश जानते हैं कि एक देश की वजह से सार्क का माहौल खराब हुआ है। इसलिए ऐसे मंच की सार्थकता तभी संभव है जब पाकिस्तान आतंक का रास्ता छोड़कर सहयोग का रास्ता अपनाए।