मथुरा: निकाय चुनाव मतगणना के दौरान उस वक्त रोचक स्थिति उत्पन्न हो गई जब यहां के वार्ड नंबर 56 से कांग्रेस और बीजेपी के प्रत्याशी को एक समान वोट बराबर मिले. दोनों प्रत्याशियों को 874-874 वोट मिले. बाद में पर्ची सिस्टम के तहत लकी ड्रॉ के जरिये बीजेपी के प्रत्याशी को जीत मिली. इस सीट से बीजेपी की मीरा अग्रवाल विजेता घोषित किया गया. इसके साथ ही यूपी निकाय चुनावों के शुरुआती रुझान चौंकाने वाले हैं. 16 नगर निगम में से बीजेपी पहले नंबर और दूसरे नंबर पर बीएसपी चल रही है. हालांकि यह अंतर काफी बड़ा है लेकिन शुरुआती रुझानों में बीएसपी का उभरना राजनीतिक विश्लेषकों को चौंका जरूर रहा है. उसके कई कारण हैं- मसलन, बीएसपी की पैठ शहरी तबके में वैसी कभी यूपी में नहीं रही.
1. बीएसपी को कई सीटों पर मिल रही बढ़त यह बताती है कि बीजेपी को जो नुकसान हो रहा है, उसका सीधा फायदा बीएसपी को हो रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि पिछली बार 12 में से 11 नगर निगम सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी. इसलिए जिस भी दल को बीजेपी के मुकाबले सीटें मिलेंगी, बीजेपी को ही उससे सीधा नुकसान माना जाएगा.
2. बीएसपी का शुरुआती रुझानों में उभार इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि 2012 विधानसभा चुनावों के बाद से लगातार बीएसपी को हार का सामना करना पड़ रहा है. अबकी बार विधानसभा चुनावों में उसको मात्र 19 सीटें ही मिली थीं. उसके अस्तित्व पर ही सवाल उठने लगे थे.
3. मायावती ने कुछ समय पहले सहारनपुर में हिंसक घटनाओं के बाद राज्यसभा से इस्तीफा भी दे दिया था. उनकी इस कवायद को संगठन और पार्टी को एकजुट करने और उसके मनोबल को बढ़ाने के प्रयास के रूप में देखा गया था
4. अबकी बार सीएम योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या से प्रचार किया था. उन्होंने 70 सभाएं कीं. ये भी अपने आप में रिकॉर्ड है क्योंकि आमतौर पर मुख्यमंत्री निकाय चुनावों में इतनी सभाएं नहीं करते.
5. सपा अभी किसी नगर निगम सीट पर आगे नहीं दिख रही है. हालांकि कांग्रेस एक सीट पर जरूर आगे दिख रही है