1. विटामिन ए की कमी को रोकने में
विशेष रूप से दुनिया भर के विकासशील देशों में विटामिन ए की कमी एक गंभीर मुद्दा है।
विटामिन ए की कमी के स्वास्थ्य संबंधी नतीजे गंभीर होते हैं और इसमें संक्रामक रोगों से प्रतिरोधक क्षमता में कमी, संक्रामक रुग्णता में वृद्धि, सूखी आँखें और गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं और उनके बच्चों के लिए मृत्यु दर में वृद्धि आदि शामिल हैं।
शकरकंद विटामिन ए का एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्रोत है क्योंकि इनमें बीटा-कैरोटीन का उच्च स्तर होता है।
बीटा-कैरोटीन हमारे लीवर में विटामिन ए में बदल जाता है। बीटा-कैरोटीन के हर अणु में विटामिन ए के दो अणु पैदा होते हैं।
2. प्रदर रोग या ल्यूकोरिया में (In White Discharge)
शकरकन्द (sweet potato) प्रदर रोग (Lukoria) में बहुत लाभकारी है। महिलाओं में प्रदर रोग होने पर शकरकन्द को जिमीकन्द में बराबर मात्रा में लेकर छाया में सुखाकर और पीसकर बारीक चूर्ण बनाना चाहिए।
इसके 5-6 ग्राम चूर्ण को ताजे पानी और शहद में मिलाकर सेवन करने से काफी लाभ मिलता है।
3. एंटीऑक्सीडेंट में उच्च (High in Antioxidants)
एंटीऑक्सीडेंट बीमारियों से लड़ने में हमारी मदद करते हैं। एंटीऑक्सिडेंट मधुमेह (sugar), हृदय रोग (heart disease) और कैंसर (cancer) से भी हमारी रक्षा करते हैं।
फाइबर और कई महत्वपूर्ण विटामिन (vitamins) और खनिज (minerals) होने के अलावा, इनमें एंटीऑक्सिडेंट्स भी पाये जाते हैं।
ऑरेंज-फ्लैश किए हुए शकरकंद (sweet potato) में बीटा-कैरोटीन पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है, जो कि एक शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट है जो नेत्र द्रष्टि (eye vision) को बढ़ाने, स्वांस सम्बन्धी रोगों में सुधार करने और आपकी त्वचा की रक्षा करने में मदद करता है।
इसमें फाइबर भी मौजूद होता है।
अध्ययनों से पता चला है कि टाइप 1 मधुमेह वाले लोग जो उच्च फाइबर आहार का उपभोग करते हैं, उनमें रक्त ग्लूकोज का स्तर कम होता है, और टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों में रक्त शर्करा, लिपिड और इंसुलिन के स्तर में सुधार करता है।
मध्यम साइज के छिलके वाले एक शकरकंद में लगभग 6 ग्राम फाइबर होता है।
4. तनाव के स्तर को कम करने में
शकरकंद में मैग्नीशियम की एक महत्वपूर्ण मात्रा होती है, जो सामान्य शरीर के कामकाज के लिए एक आवश्यक खनिज है।
मैग्नीशियम के सबसे महत्वपूर्ण लाभों में से एक यह है कि यह तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है।
अध्ययनों से पता चला है कि आधुनिक आहार में मैग्नीशियम की कमी में वृद्धि हुई है, जिससे दुनिया भर में रिपोर्ट किए गए अवसाद के मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
उदाहरण के लिए, कुछ नियंत्रित अध्ययनों से संकेत मिलता है कि मैग्नीशियम की कमी महिलाओं में मासिक धर्म के लक्षणों का अनुभव करा रही है।
5. प्रतिरक्षा में वृद्धि (Increase in Immunity Power)
शकरकंद में विटामिन ए पर्याप्त मात्रा में होता है, यह विटामिन स्वास्थ्य के कई पहलुओं में अहम भूमिका निभाता है, लेकिन यह प्रतिरक्षा (immunity) के मामले में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।
विटामिन ए बीमारियों और संक्रमण से लड़ने वाली प्रतिरक्षा कोशिकाओं (cells) के उत्पादन (production) में मदद करता है।
यह हानिकारक सैल्स को मारने (kill) में भी मदद कर सकता है। कुछ पशुओं पर किये गए अध्ययनों में इसे एंटी-ट्यूमर के रूप में दिखाया गया है।
कई अध्ययनों ने यह भी बताया है कि विटामिन ए कुछ संक्रामक बीमारियों से मृत्यु के जोखिम को कम करने में भी मदद कर सकता है।
आयरन शरीर में एनर्जी के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है और शकरकन्द में आयरन भरपूर मात्रा में होता है इसलिए यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है।
इसके अलावा, शकरकन्द सफेद और लाल रक्त कोशिकाओं (cells) के उत्पादन में भी सुधार करता है।
6. रक्तचाप (Blood Pressure)
शकरकंद रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है क्योंकि वे मैग्नीशियम और पोटेशियम दोनों में समृद्ध हैं।
अध्ययनों से पता चला है कि पोटेशियम के अधिक सेवन से रक्तचाप में कमी आती है, जो व्यक्ति के स्ट्रोक या कोरोनरी समस्या के विकास की संभावना को काफी कम कर देता है।
उच्च रक्तचाप की रोकथाम में मैग्नीशियम को एक प्रभावी आहार घटक माना जाता है, साथ ही साथ गर्भवती और गैर-गर्भवती रोगियों दोनों में इसकी कमी भी होती है।
इसके अलावा, अन्य अध्ययनों में पाया गया है कि शरीर में मैग्नीशियम की कमी से उच्च रक्तचाप के विकास के लिए जोखिम कारक बढ़ जाते हैं।
साथ ही किडनी को भी स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
7. श्वास संबंधी रोगों में (In Breathe Diseases)
एक शकरकन्द का नियमित सेवन शरीर के लिए जरूरी विटामिन ए का 90% पूरा करता है।
विटामिन ए फेफड़ों के रोग जैसे वातस्फीति के इलाज के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
8. वजन घटाने में (In Weight Loss)
यदि आप अपना वज़न कम (weight loss) करने की कोशिश कर रहे हैं, तो अपनी डाइट में शकरकंद को अवश्य शामिल करें।
क्योंकि यह पोषक तत्वों और फाइबर से भरपूर है और आपको जल्दी भूख नहीं लगने देता।
शकरकंद में घुलनशील और किण्वनीय फाइबर होते हैं जो तृप्ति को बढ़ाते हैं और शरीर को शरीर के वजन नियमन के लिए एक प्राकृतिक, आत्मनिर्भर तंत्र प्रदान करते हैं।
अध्ययनों से पता चला है कि मीठे आलू, पेक्टिन में प्रमुख घुलनशील आहार फाइबर में से एक, भोजन का सेवन कम करने, वजन बढ़ाने और शरीर में संतृप्त हार्मोन की गतिविधि को बढ़ाने में प्रभावी है।