खसखस एक प्रकार का तिलहन है, जिसे अंग्रेजी में पॉपी सिड्स, बंगाली में पोस्तो, तेलुगु में गसागसालु (gasagasalu) आदि नाम से जाना जाता है। इन बीजों को पॉपी नाम के पौधे से प्राप्त किया जाता है। खसखस का वैज्ञानिक नाम पेपेवर सोम्निफेरम है। यह विशेष रूप से मध्य यूरोपीय देशों में उगाया जाता है। इसका इस्तेमाल कई प्रकार से क्षेत्रीय व्यंजनों के निर्माण में किया जाता है। इसके अलावा, इसके बीजों से तेल भी निकाला जाता है।
खसखस के प्रकार
नीले खसखस – इसे यूरोपीय खसखस भी कहा जाता है, क्योंकि ये ज्यादातर ब्रेड और कन्फेक्शनरी (स्वीट एंड चॉकलेट) में देखे जाते हैं।
सफेद खसखस – इसे भारतीय या एशियाई खसखस भी कहा जाता है। इसका इस्तेमाल अधिकतर व्यंजनों में किया जाता है।
ओरिएंटल खसखस – इसे ओपियम पॉपी भी कहा जाता है, जिससे अफीम पैदा की जाती है।
खसखस का उपयोग
- अन्य मसालों के साथ ग्रेवी को गाढ़ा करने के लिए भीगे हुए खसखस का उपयोग किया जा सकता है।
- टोस्टेड खसखस का उपयोग ब्रेड, रोल्स, सब्जियों और सलाद की गार्निशिंग करने के लिए किया जा सकता है।
- पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश में सफेद खसखस (पोस्तो) का इस्तेमाल कई तरह के व्यंजन बनाने के लिए किया जाता है, जैसे आलू पोस्तो व पोस्तो बोड़ा आदि। आलू पोस्तो के लिए सफेद खसखस को पीसकर इस्तेमाल में लाया जाता है।
- महाराष्ट्र में खसखस का उपयोग एक विशेष प्रकार की मिठाई अनारकला बनाने के लिए किया जाता है।
- आंध्र प्रदेश में सफेद खसखस के पेस्ट का उपयोग एक मसाले के रूप में चिकन, मांस और सब्जियों को बनाने के लिए किया जाता है।
- इसके अलावा, खसखस का इस्तेमाल पेस्ट्री बनाने के लिए भी किया जाता है।
President #JoeBiden declares halt to US support for Saudi Arabia-led military campaign in #Yemen, demanding that more than 6-year war, widely seen as proxy conflict between Saudi Arabia and Iran, “has to end.” Biden names US diplomat #TimothyLenderking as special envoy for Yemen pic.twitter.com/kTpukRMPwP
— DD News (@DDNewslive) February 5, 2021
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