अमानतुल्ला की वापसी पर तमतमाए कुमार विश्वास, कहा – राज्यसभा सीट के लिए रचा गया पूरा प्रपंच

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता कुमार विश्वास के खिलाफ अपमानजनक बयान देने के आरोप में अमानतुल्ला का निलंबन पार्टी द्वारा सोमवार को वापस लेने के बाद एक बार फिर आप में टूट का मुद्दा चर्चा का विषय बन गया है. इस साल मई में अमानतुल्ला खान ने विश्वास को भाजपा का एजेंट बताते हुए उनके खिलाफ जमकर मुखालफत की थी. आप की राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) ने विश्वास के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में अमानतुल्ला की पार्टी सदस्यता निलंबित करते हुए आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की थी. सूत्रों के मुताबिक समिति ने दो दिन पहले मामले की जांच कर अमानतुल्ला का निलंबन रद्द करने की पीएसी को सिफारिश की थी.

विश्वास ने ओखला से आप विधायक अमानतुल्ला का निलंबन वापस लेने पर इतना ही कहा कि खान सिर्फ एक मामूली मुखौटा हैं. परोक्ष रूप से उन्होंने माना कि यह प्रपंच अगले साल जनवरी में खाली हो रही दिल्ली की तीन राज्यसभा सीटों के लिए रचा गया है. विश्वास ने अपनी भविष्य की रणनीति के बारे में कहा कि उनके लिये भ्रष्टाचार के खिलाफ रामलीला मैदान से उठी आवाज आज भी प्राथमिकता है. वह पार्टी और सरकार, हर मंच पर इस आवाज के लिये लड़ते रहेंगे.

उन्होंने बताया कि दूसरा कारण दिल्ली की राज्यसभा के लिए तीन सीटों पर घमासान भी हो सकता है. विश्वास ने योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण का नाम लिए बिना कहा “इससे पहले भी पार्टी के दो अहम नेताओं की राज्यसभा की सीट पर दावेदारी को खारिज करने के लिए उन्हें पार्टी से बाहर निकालने का तरीका अपनाया गया था. इन लोगों को लगता है कि एक बार फिर मेरे मामले में भी ऐसी ही कोशिश की जाए, लेकिन अब वह स्थिति नहीं है. ना ही ऐसा कुछ कर पाना सरल होगा क्योंकि ना तो अब ऐसे कार्यकर्ता बचे हैं और ना ही विधायक जो आंख मूंदकर बैठे रहें.”

हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अगर ऐसा कर पाना आसान भी है तो अभिमन्यु का वध भी उसकी वीरता कहलाती है. पार्टी में टूट के सवाल पर उन्होंने स्पष्ट किया “मुझे भाजपा और कांग्रेस में जाना नहीं है, ना ही स्वराज पार्टी बनानी है. मेरे घर से ही भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन शुरु हुआ, पार्टी बनी और अब मैं पार्टी में भी सिद्धांत की आवाज अपने इसी घर से उठाता रहूंगा. अगर देशहित के मुद्दे उठाने के मेरे इस रुख से पार्टी में बाहर से आए लोगों (पैराशूटर्स) को परेशानी होती है तो मैं इसकी परवाह नहीं करूंगा.”

विश्वास ने माना कि राज्यसभा सीट पर उनके नाम की मांग पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा उठाई जाती रही है. कार्यकर्ताओं का मानना है कि पार्टी को राज्यसभा में कांग्रेस और भाजपा के खिलाफ मेरी संप्रेषण क्षमता का लाभ उठाना चाहिए. इसलिये मौजूदा विवाद के पीछे यह एक वजह हो सकती है कि मुझे राजनीतिक हत्याओं के खेल का शिकार बनाकर रास्ते से हटा दिया जाए. उन्होंने कहा “अगर यह अंदेशा सही है, तब भी मैं इसकी परवाह नहीं करता हूं. मेरे लिए सच की आवाज जिंदा रखना महत्वपूर्ण है.”

    ssss

    Leave a Comment

    Related posts