चीन ने पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र की वैश्विक आतंकवादी सूची में शामिल करने की कोशिश को बाधित किया था. इसके चलते शीर्ष अमेरिकी विशेषज्ञों का कहना है कि चीन की यह कोशिश भारत और चीन के संबंधों को गंभीर नुकसान पहुंचा रहा है.
एजेंसी के मुताबिक, चीन ने गत सप्ताह संयुक्त राष्ट्र में अजहर को वैश्विक आतंकवादी की सूची में डालने की अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन की कोशिश को बाधित किया था. इसके लिए उसने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सदस्य देशों के बीच आम राय ना होने का हवाला दिया था. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वीटो का अधिकार रखने वाले स्थायी सदस्य चीन ने परिषद की अल-कायदा प्रतिबंध समिति के तहत अजहर को आतंकवादी घोषित करने के भारत के प्रयासों में बार-बार अड़ंगा डाला है.
हेरिटेज फाउंडेशन के जेफ स्मिथ ने कहा, मुझे लगता है कि यह चीन की तरफ से उठाया गया दुर्भाग्यपूर्ण कदम है. मैं संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के जाने पहचाने आतंकवादियों पर प्रतिबंधों को लगातार बाधित करने के लिए दिए गए तर्क पर सवाल करता हूं.
उन्होंने कहा कि चीन अपने इस कदम को स्पष्ट तौर पर अपने सदाबहार दोस्त पाकिस्तान को लाभ पहुंचाने के तौर पर देख रहा है. उन्होंने कहा, चीन के कदम पहले से ही तनावपूर्ण चीन-भारत संबंधों को गंभीर नुकसान भी पहुंचा रहे हैं.