आर्थिक वृद्धि के अनुकूल माहौल नहीं दे पा रही भाजपा सरकार: चिदंबरम

मेलबोर्न: पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने केन्द्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि वह आर्थिक वृद्धि के लिए अनुकूल माहौल उपलब्ध नहीं करा पा रही है. उन्होंने कहा कि नोटबंदी और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के कारण अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान पहुंचा है जो कि अब दिखने भी लगा है. चिदंबरम ने मंगलवार को यहां भारत-आस्ट्रेलिया- उभरती आर्थिक शक्तियां विषय पर सार्वजनिक आख्यान देते हुए कहा, ‘‘अभी का माहौल 1991 या 2004 की तरह बड़े सुधारों पर अमल करने के अनुकूल नहीं है. अभी कई सारे भटकाव हैं और कई रुकावटें हैं.’’

चिदंबरम ने साधा बीजेपी पर निशाना
उन्होंने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भाजपा कई तरह के समस्याओं के लिए जिम्मेदार हैं तथा कानून का उल्लंघन भी इनमें शामिल है. चिदंबरम ने कहा, ‘‘गलत कार्रवाइयों और कथनों तथा असमय चुप्पियों से उन्होंने विभिन्न मान्यताओं में विवाह, गोमांस की बिक्री तथा उपभोग, सांस्कृतिक प्रचलनों, पहनावे, हिंदी भाषा के थोपे जाने, राष्ट्रवाद, मातृभूमि के लिए नारेबाजियां, समान लोक संहिता और जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे पर बहस को गर्माने दिया.’’ उन्होंने कहा कि इस तरह की बहसों ने समाज को बांटा तथा दलितों, जनजातियों, अल्पसंख्यकों, महिलाओं ओर युवाओं में दहशत कायम किया.

उन्होंने नोटबंदी और जीएसटी क्रियान्वयन को दो बड़ी व्यावधान पैदा करने वाला कदम बताया. उन्होंने आरोप लगाया कि इनसे अर्थव्यवस्था को आघात लगा है और इसके परिणामस्वरूप पिछली पांच तिमाहियों में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर में लगातार गिरावट आयी है.

पूर्व वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘आप यह आकलन कर गलत नहीं होंगे कि भारत की आर्थिक वृद्धि कठिन परिस्थितियों का सामना कर रही है. राजनीतिक उठापटक के प्रभाव अब दिखने लगे हैं. आर्थिक वृद्धि सुस्त पड़ने लगी है.’’ उन्होंने कहा कि बेरोजगारी बढ़ने से युवाओं में गुस्से का माहौल है. उन्होंने बड़े संरचनात्मक सुधार पर जोर देते हुए कहा कि केंद्र श्रम कानूनों में सुधार से हिचक रही है और राज्यों में जो ऐसा करना चाह रहे हैं उन्हें मजदूर संगठनों के प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है.

चिदंबरम ने कहा, ‘‘श्रमिकों खासकर नये रोजगार पाये लोगों के मामले में अनुबंध या अल्पकालिक पुनर्नियुक्ति बढ़ी है. भूमि, कृषि उत्पाद और वित्त के मामलों में भी बाजार के बारे में भी ऐसा ही कहा जा सकता है.’’ हालांकि, उन्होंने माना कि देश में कैलाश सत्यार्थी और राजेंद्र सिंह जैसे व्यक्तियों तथा गूंज, सुलभ शौचालय और आशा जैसी संगठनों ने काफी अच्छा काम किया है.

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बढ़ते संबंधों के बारे में उन्होंने कहा कि पिछले दशक में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध तेजी से बढ़े हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मेरी पार्टी कांग्रेस दोनों देशों के बीच नजदीकी संबंधों की मजबूत समर्थक है.’’

    ssss

    Leave a Comment

    Related posts