सुप्रीम कोर्ट अब कार्ति चिदंबरम के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर पर 1 नवंबर को अगली सुनवाई करेगा. यानी तब तक कार्ति अपनी विदेश यात्रा की सोच भी नहीं सकते.
बुधवार को दिन भर संविधान पीठ में सुनवाई के बाद साढ़े तीन बजे चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच विशेष रूप से बैठी और उसने खास तौर पर इसी मामले की सुनवाई की.
कोर्ट ने सीबीआई की ओर से दाखिल सीलबंद रिपोर्ट को देख कर कहा कि हमें इसे पूरी तौर पर देखना होगा कि क्या इसे सार्वजनिक किया जाए या फिर यहयाचिकाकर्ता को मुहैया कराया जाए या नहीं.
कोर्ट ने इस पर 1 नवंबर को सुनवाई की तारीख मुक़र्रर कर दी है. यानी कार्ति को अपनी बेटी को विदेशी यूनिवर्सिटी में दाखिले के लिए के जाने के लिए कम से कम अगले महीने तक इंतजार करना होगा.
इसके पहले पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया था. चिदंबरम का एयरसेल-मैक्सिस केस में जांच का सामना कर रहे बेटे कार्ति चिदंबरम के मामले से सीधे कानूनी तौर पर संबंध नहीं है, लेकिन पिता होने के नाते चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया.
पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री और सीनियर एडवोकेट चिदंबरम ने अपने हलफनामे में लिखा है कि जब से एनडीए सरकार आई है, उनके परिवार को राजनीतिक बदले की भावना से लगातार निशाना बनाया जा रहा है. चिदंबरम ने कहा, ‘मेरे परिवार और खास तौर पर मेरे बेटे कार्ति पर इल्जाम लगा कर परेशान किया जा रहा है.’
लुकआउट सर्कुलर जारी होने पर कार्ति का हलफनामा
सोमवार को कार्ति ने भी सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा कि वो अपनी बेटी का कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में दाखिला कराने जा रहे हैं. लेकिन ऐन वक्त पर सीबीआई के जरिए लुकआउट सर्कुलर जारी कर उनकी इस यात्रा पर रोक लगाने की कोशिश की जा रही है.
कार्ति ने कहा, ‘मुझ पर विदेशी बैंक खातों से छेड़छाड़ करने का भी इल्जाम लगाया गया है. ऐसे में मैं कोर्ट को भरोसा देता हूं कि विदेश में किसी भी बैंक खाते से कोई लेनदेन नहीं करूंगा.’ सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को पौने चार बजे कार्ति के मामले में सुनवाई करने जा रहा है.