गुजरात चुनाव से ठीक पहले जीडीपी बढ़कर 6.3% हुई

नई दिल्ली: गुजरात चुनाव से पहले मोदी सरकार के लिए आर्थिक मोर्चे से राहत की खबर आई है. जीडीपी 5.7 से बढ़कर 6.3 प्रतिशत हुई. पहली तिमाही में जीडीपी 5.7 प्रतिशत थी और दूसरी तिमाही में ये बढ़कर 6.3 प्रतिशत पहुंच गई. ये आंकड़ा जुलाई से सितंबर के बीच का है. जीएसटी जुलाई में लागू हुआ था और कहा जा रहा था कि इसका जीडीपी पर असर देखने को मिलेगा. लगातार पांच बार गिरावट के बाद जीडीपी में सुधार देखा गया है.

2017 की दूसरी तिमाही में बढ़ी है. ये जीएसटी लागू होने वाली तिमाही के आंकड़े हैं. कांग्रेस लगातार आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार को घेरते रही है, ऐसे में ये आंकड़े केंद्र सरकार के लिए राहत देने वाली है.

केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) की ओर से गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, 30 सितंबर को समाप्त हुई दूसरी तिमाही में देश की जीडीपी 6.3 फीसदी वृद्धि दर के साथ 31.66 लाख करोड़ रुपये दर्ज की गई. सीएसओ के आकलन के अनुसार, चालू वित्त वर्ष (2017-18) में छह फीसदी से ज्यादा जीडीपी वृद्धि दर रहने की मुख्य वजह विनिर्माण, बिजली, गैस, जलापूर्ति और दूसरे उपयोगिता संबंधी सेवाओं-व्यापार, होटल, परिवहन और संचार और प्रसारण से संबंधित सेवाओं के क्षेत्र में पिछले साल 2016-17 के मुकाबले आर्थिक गतिविधियों के मुकाबले तेजी रही है.

वहीं, कृषि, वानिकी और मछली, खनन और खदान, निर्माण, वित्त, बीमा, अचल संपत्ति और पेशेवर सेवाएं और लोक प्रशासन, रक्षा और दूसरी सेवाओं के क्षेत्र में आर्थिक विकास दर इस साल की दूसरी तिमाही में क्रमश: 1.7 फीसदी, 5.5 फीसदी, 2.6 फीसदी, 5.7 फीसदी और छह फीसदी दर्ज की गई है.

किसी निश्चित निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले तीन-चार तिमाही की प्रतीक्षा करें: जीडीपी बढ़ने पर बोले चिदंबरम

कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने आज दूसरी तिमाही की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर बढ़ने का स्वागत किया और साथ ही यह भी कहा कि गिरावट वाले रूख पर विराम लगा है किंतु किसी निश्चित निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले अगली तीन-चार तिमाही के आंकड़ों का इंतजार किया जाना चाहिए.

चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा, ‘प्रसन्न हूं कि जुलाई-सितंबर तिमाही में 6.3 प्रतिशत की विकास दर दर्ज की गयी है. यह पिछली पांच तिमाहियों से आ रहे गिरावट के रूख पर विराम है. ’ उन्होंने कहा, ‘ किंतु अभी हम यह नहीं कह सकते हैं कि यह विकास दर में बढ़ने के रूख को दर्शाता है. हमें अगली तीन-चार तिमाहियों की प्रतीक्षा करनी चाहिए, उसके बाद ही हम किसी निश्चित निष्कर्ष पर पहुंच सकते हैं.’ चिदंबरम की यह टिप्पणी ऐसे समय में आयी है जबकि भारत ने वर्तमान वित्त वर्ष की जुलाई- सितंबर तिमाही में 6.3 प्रतिशत की विकास दर दर्ज की है.

पूर्व वित्त मंत्री ने यह भी कहा, ‘6.3 प्रतिशत मोदी सरकार के वादे से बहुत कम है तथा सुव्यवस्थित भारतीय अर्थव्यवस्था की संभावना से काफी नीचे है.’

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