नई दिल्ली: अगले साल ड्रोन से खून या किसी भी सामान की डिलिवरी एक जगह से दूसरे जगह मुमकिन हो सकती है. यही नहीं आगे चलकर एयर रिक्शा भी शुरू करने की इजाजत दी सकती है. ये सब कुछ मुमकिन हो सकेगा ड्रोन या अनमैंड एय़रक्राफ्ट सिस्टम के लिए नियमों की बदौलत. इन नियमों का मसौदा बुधवार को जारी किया गया. मसौदे पर राय-शुमारी करने के बाद 31 दिसंबर तक नए कायदे कानून को जारी करने का लक्ष्य रखा गया है.
मसौदे के मुताबिक, 250 ग्राम से लेकर 150 किलो या उससे ज्यादा के ड्रोन या मानवरहित विमानों की उड़ान के लिए कायदे कानून तय करने का प्रस्ताव है. वजन के हिसाब से इन्हे तीन वर्गों, नैनो, माइक्रो, मिनी और उससे ऊपर में बांटा गया है. इसके अलावा एक और वर्ग तैयार किया गया है जिसे म़ॉडल एयरक्राफ्ट का नाम दिया गया है.
मसौदे में क्या कुछ कहा गया है?
– नैनो (250 ग्राम वजन या उससे कम) के लिए किसी खास तरह की औपचारिकता पूरी करने की जरुरत नहीं होगी. ये 50 फीट की ऊंचाई तक बगैर नियंत्रण वाले इलाके और इनडोर में उड़ाए जा सकते हैं.
– माइक्रो (250 ग्राम से ज्यादा लेकिन 2 किलोग्राम से कम) से उड़ान की सुविधा मुहैया कराने वालों को एक बार के लिए रजिस्ट्रेशन करना होगा होगा और विशिष्ट पहचान भी लेनी होगी. स्थानीय पुलिस को उड़ान की सूचना भी देनी होगी. ये ड्रोन 200 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकते हैं.
– मिनी या उससे उपर (2 किलोग्राम से लेकर 150 किलोग्राम या उससे ज्यादा वजन) के ड्रोन के लिए रजिस्ट्रेशन और विशिष्ट पहचान तो जरुरी है ही, साथ ही उन्हें हर उड़ान के लिए अनुमति देनी होगी. ये 200 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकते है.
– 2 किलोग्राम से कम वजन वाले मॉडल एय़रक्राफ्ट शैक्षणिक उद्देश्यों से 200 फीट की ऊंचाई भर सकते है.
मसौदा नागरिक विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू और विमानन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने जारी किया. इस मौके पर जयंत सिन्हा ने जानकारी दी कि पूरी प्रक्रिया में सुरक्षा को लेकर खासा ध्यान रखा गया है. इसके मद्देनजर प्रस्ताव दिया गया है कि
– चालू हवाई अड्डे के पांच किलोमीटर के दायरे में ड्रोन नहीं उड़ाए जा सकेंगे.
– अंतरराष्ट्रीय सीमा या नियंत्रण रेखा से 50 किलोमीटर के दायरे में ड्रोन की इजाजत नहीं होगी.