राजस्थान के अलवर जिले के किशनगढ़बास इलाके में एक छात्रा ने परिजनों द्वारा मन पसंद पढ़ाई का सब्जेक्ट नहीं दिलाए जाने से नाराज होकर खुदकुशी कर ली. मृतक छात्रा फैशन डिजाइनर बनना चाहती थी लेकिन परिजनों ने उसको एग्रीकल्चर बीएससी की पढ़ाई के लिए कोटा से अलवर जिले के किशनगढ़बास भेज दिया था. वह किराए के मकान में रही थी.
सुसाइड नोट में लिखा-परिजनों को ना सौंपा जाए शव
अलवर जिले के किशनगढ़बास कस्बे के तिजारा रोड स्थित गणेश लाल मेमोरियल एग्रीकल्चर महाविद्यालय की छात्रा तिष्ठा कुमारी ने शुक्रवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. छात्रा ने सुसाइड नोट में लिखा कि उसके शव को अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को न सौंपा जाए.
फांसी लगाकर दी जान
थानाधिकारी चांद सिंह राठौड़ ने बताया कि विद्युत विभाग के सामने चन्द्रभान के मकान पर कमरा किराए पर लेकर रह रही तिष्ठा कुमारी पुत्री रामसागर मीणा ने अज्ञात कारणों के चलते गले में फांसी का फंदा डालकर आत्महत्या कर ली . आत्महत्या से पहले उसने अपने साथ रह रही सहेली श्वेता को बाजार में सब्जी लेने के लिए भेज दिया था. जब वह वापस आई तो उसने तिष्ठा को पंखे पर दुपट्टे से फंदा लगाकर लटका हुआ पाया. उसने तुरंत चाकू से फंदे को काटकर उसे नीचे लिटाया और उसके घर फोन करके सूचना दी.
फैशन डिजाइनर बनना चाहती थी तिष्ठा
मृतका के साथ कमरे पर रह रही सहेली श्वेता ने बताया कि तबीयत खराब होने की वजह से वह कॉलेज नहीं जा पाई थी. तिष्ठा ने उसे दोपहर करीब 1.30 बजे जबरदस्ती सब्जी और दवाई लेने के लिए बाजार भेज दिया. जब वह बाजार से लौटी तो तिष्ठा को पंखे पर फंदे से लटका हुआ पाया. वहीं बिस्तर एक सुसाइड नोट मिला. जिसमें लिखा था कि श्वेता और भारती तुम मेरी प्रिय सहेली हो, मेरी अतिंम इच्छा को पूरा कर देना. मेरे शव को मेरे परिजनों को न देना. श्वेता ने बताया कि तिष्ठा फैशन डिजाइनिंग का कोर्स करना चाहती थी लेकिन घरवालों ने उसको बीएससी एग्रीकल्चर में दाखिला दिला दिया. जिससे वह खुश नहीं थी. मकान मालिक चन्द्रभान ने बताया कि श्वेता उसके मकान में पहले से ही रह रही थी और तिष्ठा पिछले माह ही रहने के लिए आई थी.
पुलिस को दी सूचना
मकान मालिक ने हादसे की सूचना पुलिस को दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर अस्पताल के शवगृह में रखवाया और मृतका के परिजनों को इसकी सूचना दी. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.