‘पद्मावती’ के निर्माताओं ने टाली फिल्म की रिलीज

मुंबई: विवादों में घिरी ‘पद्मावती’ के निर्माताओं ने रविवार (19 नवंबर) को कहा कि उन्होंने संजय लीला भंसाली की इस फिल्म को रिलीज करने की प्रस्तावित तारीख टाल दी है. अपने बयान में ‘वायाकॉम18 मोशन पिक्चर्स’ के एक प्रवक्ता ने कहा कि उन्होंने ‘स्वेच्छा’ से यह फैसला किया है. ‘पद्मावती’ के निर्माण में शामिल स्टूडियो ‘वायाकॉम18 मोशन पिक्चर्स’ ने स्वेच्छा से फिल्म को रिलीज करने की तारीख एक दिसंबर 2017 से आगे बढ़ा दी है. प्रवक्ता ने कहा कि ‘वायाकॉम18 मोशन पिक्चर्स’ देश के कानून और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) जैसी वैधानिक संस्थाओं का पूरा सम्मान करती है. उन्होंने कहा कि एक ‘जिम्मेदार और कानून का पालन करने वाले कॉरपोरेट नागरिक’ के तौर पर वह स्थापित प्रक्रियाओं एवं परंपराओं का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है.

बयान के मुताबिक, ‘हमें यकीन है कि हम फिल्म रिलीज करने के लिए जरूरी मंजूरी जल्द ही हासिल कर लेंगे.’ सीबीएफसी यानी सेंसर बोर्ड से प्रमाण-पत्र हासिल करने से पहले ही विभिन्न मीडिया चैनलों को यह फिल्म दिखाए जाने से बिफरे बोर्ड के प्रमुख प्रसून जोशी शनिवार (18 नवंबर) को ‘पद्मावती’ के निर्माताओं पर जमकर बरसे थे. सीबीएफसी ने फिल्म को वापस निर्माता के पास भेज दिया था, क्योंकि प्रमाणन का आवेदन ‘अधूरा’ था. बयान में कहा गया, ‘……हम एक जिम्मेदार, कानून का पालन करने वाले कॉरपोरेट नागरिक हैं और देश के कानून एवं केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड सहित हमारी सभी संगठनों एवं वैधानिक संस्थाओं के प्रति हमारा पूरा सम्मान है.’

स्टूडियो ने कहा कि वह जल्द ही फिल्म की रिलीज की नई तारीख जारी करेगा. बयान के मुताबिक, ‘हम उचित समय पर फिल्म की रिलीज की नई तारीख घोषित करेंगे. हम पंसद आने वाली ऐसी कहानियां बयान करने के प्रति प्रतिबद्ध हैं जो पूरी दुनिया में हमारे दर्शकों को भाए, जैसे हमने ‘टॉयलेट: एक प्रेम कथा’, ‘क्वीन’, ‘भाग मिल्खा भाग’ और कई अन्य परियोजनाएं के साथ किया.’ स्टूडियो ने दोहराया कि यह फिल्म एक उत्कृष्ट सिनेमाई कृति है जिसमें ‘राजपूत वीरता, गरिमा एवं परंपरा को पूरे वैभव’ के साथ पेश किया गया है.

बयान के मुताबिक, ‘यह फिल्म एक ऐसी कहानी का स्पष्ट चित्रण है जो हर भारतीय को गर्व से भर देगा और कहानी बयान करने के हमारे देश के गुर को दुनिया भर में दिखाएगा.’ इस साल की शुरुआत में भंसाली की ओर से फिल्म की शूटिंग शुरू करने के बाद से ही ‘पद्मावती’ विवादों में है. जयपुर में राजपूत करणी सेना नाम के एक संगठन के सदस्यों ने भंसाली से बदसलूकी भी की थी. जयपुर और कोल्हापुर में फिल्म के सेटों को तोड़ दिया गया था.

इस फिल्म का पहला पोस्टर बीते अक्तूबर में रिलीज किया गया था, जिसके बाद विभिन्न राजपूत संगठनों एवं अन्य ने दावा किया था कि निर्देशक ने ऐतिहासिक तथ्यों को ‘तोड़-मरोड़कर पेश किया है.’ भंसाली और मुख्य भूमिका निभा रही दीपिका पादुकोण को धमकियां मिली हैं. मुंबई पुलिस ने उनकी सुरक्षा कड़ी कर दी है. इस बीच, फिल्मी हस्तियां भंसाली और उनकी टीम के समर्थन में आ गई हैं. कई अग्रणी कलाकारों ने इसे रचनात्मक आजादी पर हमला करार दिया है.

इस बीच राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी को शनिवार को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि ‘पद्मावती’ फिल्म तब तक रिलीज न हो जब तक इसमें आवश्यक बदलाव नहीं कर दिये जाये ताकि किसी भी समुदाय की भावनाओं को ठेस न पहुंचे. मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि इस संबंध में सेंसर बोर्ड को भी फिल्म प्रमाणित करने से पहले इसके सभी संभावित नतीजों पर विचार करना चाहिए. प्रसिद्ध इतिहासकारों, फिल्मी हस्तियों और पीड़ित समुदाय के सदस्यों की एक समिति गठित की जाए जो इस फिल्म तथा इसकी कथानक पर विस्तार से विचार-विमर्श करे

राजे ने पत्र में लिखा है कि विचार विमर्श के बाद ऐसे आवश्यक परिवर्तन किए जाए जिससे किसी भी समाज की भावनाओं को आघात न पहुंचे. उन्होंने कहा कि फिल्म निर्माताओं को अपनी समझ के अनुसार फिल्म बनाने का अधिकार है लेकिन कानून व्यवस्था, नैतिकता और नागरिकों की भावनाओं को ठेस पहुंचने की स्थिति में मौलिक अधिकारों पर भी तर्क के आधार पर नियंत्रण रखने का प्रावधान भारत के संविधान में है, इसलिए पद्मावती फिल्म की रिलीज पर पुनर्विचार किया जाए. मेवाड़ के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से शनिवार (18 नवंबर) को भेंटकर फिल्म ‘पद्मावती’ को लेकर केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री को पत्र लिखने के लिए उनका आभार जताया है.

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