पनामा पेपर्स: कोर्ट का फैसला लोगों से मेरे रिश्ते कमजोर नहीं कर सकता

इस्लामाबाद: भ्रष्टाचार के मामले में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के पद से हटाए गए नवाज शरीफ ने रविवार (19 नवंबर) को कहा कि अदालत का कोई भी फैसला आम लोगों से उनके रिश्ते को कमजोर नहीं कर सकता. अपनी सत्तारूढ़ पार्टी के जनसंपर्क अभियान की शुरुआत में एबटाबाद में एक जनसभा में शरीफ ने अपने समर्थकों से कहा, “(बड़ी संख्या में) लोग यहां आए हैं और इनका समर्थन यह साबित करता है कि अदालत का कोई भी फैसला मुझे और लोगों को अलग नहीं कर सकता.”

उन्होंने कहा, “लोगों ने ऐसा ही समर्थन 2013 के आम चुनाव में दिया था. अगर किसी को लगता है कि मुझे हरा दिया जाएगा, तो वह गलत हैं. मैं उनमें से नहीं हूं जिसे यहां हरा दिया जाए.” रविवार की रैली के साथ पूर्व प्रधानमंत्री ने अपनी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के जनसंपर्क अभियान की शुरुआत की.

पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने बीती 28 जुलाई को अपने एक ऐतिहासिक फैसले में पनामा पेपर मामले में नवाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद के अयोग्य घोषित कर दिया था. शरीफ ने कहा कि उनके सत्ता संभालते ही उनके खिलाफ धरने शुरू हो गए लेकिन वह विकास के रास्ते पर चलते रहे.

नवाज शरीफ ने कहा कि ‘पनामा ड्रामा’ पहले से रचा गया था. उन्होंने कहा, “अगर मैं तानाशाह होता तो मैं आपसे अलग होकर चला जाता, लेकिन मैंने वादा किया है कि मैं आपका साथ नहीं छोड़ूंगा और मुझे उम्मीद है कि यहां मौजूद लोग भी मेरा साथ नहीं छोड़ेंगे.”

पनामा पेपर्स मामले को लेकर पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनके परिवार के चार लोगों के जल्द ही देश से बाहर जाने पर रोक लग सकती है. पाकिस्तान के भ्रष्टाचार रोधी प्राधिकरण ने उनके नाम निकास नियंत्रण सूची में डालने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. पाकिस्तान अखबार डॉन ने यह खबर दी है. सर्वोच्च न्यायालय ने इस साल जुलाई में 67 साल के शरीफ को आय के ज्ञात सूत्रों से ज्यादा संपत्ति अर्जित करने के मामले को लेकर प्रधानमंत्री पद के अयोग्य करार दिया गया था जिसके बाद उन्होंने पद से इस्तीफा दिया.

पूर्व प्रधानमंत्री और उनके परिवार के कुछ लोगों पर लंदन में उनकी संपत्तियों के स्वामित्व को लेकर मामले दर्ज हैं. राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने जुलाई में आए सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद गत आठ सितंबर को शरीफ, उनके बच्चों और दामाद के खिलाफ इस्लामाबाद की जवाबदेही अदालत में तीन मामले दर्ज किए थे.

खबर के अनुसार लाहौर के एनएबी कार्यालय ने शुक्रवार (17 नवंबर) को शरीफ, उनके दो बेटों – हुसैन एवं हसन, बेटी मरियम और दामाद मोहम्मद सफदर के नाम निकास नियंत्रण सूची (ईसीएल) में डालने की प्रक्रिया शुरू कर दी.इस्लामाबाद स्थित एनएबी के प्रवक्ता के अनुसार ईसीएल में नाम जुड़ने पर शरीफ परिवार की विदेश की यात्रा पर प्रतिबंध लग सकता है.

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