लंदन: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने कहा है कि भारत के साथ युद्ध विकल्प नहीं है और कश्मीर सहित सभी लंबित मुद्दों को केवल बातचीत के जरिये ही सुलझाया जा सकता है. लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के साउथ एशिया सेंटर में ‘फ्यूचर ऑफ पाकिस्तान 2017’ को संबोधित करते हुए अब्बासी ने कश्मीर को ‘मूल मुद्दा’ बताया और कहा कि उसको सुलझाए जाने तक भारत के साथ रिश्ते तनावपूर्ण बने रहेंगे. अब्बासी ने कहा, ‘‘कश्मीर भारत के साथ मूल मुद्दा है.उसको सुलझाए जाने तक पाकिस्तान-भारत के ताल्लुकात तनाव भरे रहेंगे. हम हमेशा किसी भी स्तर पर बातचीत के लिए तैयार हैं और बातचीत से ही आगे का मार्ग प्रशस्त हो सकता है.युद्ध विकल्प नहीं है.’’ भारत के कोल्ड स्टार्ट ड्रॉक्ट्रिन सहित अन्य घटनाक्रमों का उल्लेख करते हुए अब्बासी ने कहा कि पाकिस्तान के पास ‘प्रतिरोध की क्षमता’ है.
उन्होंने हालांकि दोनों देशों के बीच बातचीत में उल्लेखनीय प्रगति को लेकर बहुत अधिक उम्मीद जाहिर नहीं की क्योंकि अगले साल पाकिस्तान और 2019 में भारत में आम चुनाव होने हैं. अब्बासी ने कहा कि किसी बड़ी पहल की संभावना भी नजर नहीं आ रही है. उन्होंने सम्मेलन में छात्रों के सवालों के जवाब में स्वतंत्र कश्मीर के किसी भी विचार को समर्थन देने की बात को खारिज कर दिया.
उधर, पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने सोमवार को इस्लामाबाद में कहा कि उनका देश भारत के साथ तनाव कम करने के लिए अमेरिका की मध्यस्थता का स्वागत करेगा लेकिन वह युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में नयी दिल्ली को बड़ी भूमिका देने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रस्ताव के खिलाफ है. पाकिस्तान-अमेरिका ट्रैक-2 वार्ता के चौथे दौर के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए आसिफ ने यहां दावा किया कि अफगानिस्तान में भारत को बड़ी भूमिका देने से वहां और अराजकता होगी.
उन्होंने कहा कि अमेरिका ने भारत को आश्वस्त किया है कि अफगानिस्तान में भारत की भूमिका सिर्फ आर्थिक सहायता तक सीमित होगी. उन्होंने कहा कि भारत के साथ अपने संबंधों को सुधारने के लिए पाकिस्तान अमेरिका की मध्यस्थता का स्वागत करता है तथा शांतिपूर्ण पड़ोस के लिए पाकिस्तान ने हमेशा व्यापक वार्ता पर जोर दिया है. भारत का रूख रहा है कि कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं है.वहीं पाकिस्तान का कहना है कि भारत-पाक संबंधों में कश्मीर ‘‘मुख्य मुद्दा’’ है.