कर्नाटक के बीदर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जिस बीदर-कलबुर्गी रेलमार्ग काम 3 साल में होना था उसे पूरा होने में 20 साल लग गए. उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने इसपर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया. इस प्रोजक्ट का करीब 60 फीसदी काम हमारी सरकार ने पूरा किया. कांग्रेस की कार्य संस्कृति रही है, अटकाना, लटकाना और भटकाना. अगर देश को आगे बढ़ाना है तो ये अटकाना, लटकाना और भटकाना की कार्यप्रद्धति को बदलना होगा. हमारे रहते न अटकाना चलेगा, न लटकाना चलेगा और न भटकाना चलेगा.
पीएम मोदी ने कहा कि जब मैं दिल्ली में अधिकारियों की बैठक लेता हूं और उनसे पूछता हूं कि ये काम कब तक होगा? जवाब मिलता है, बहुत जल्द. मैं उन्हें तुरंत कहता हूं टाइम बताओ. मैंने देश से कहा बैंक अकाउंट खोलवाउंगा, इसे पूरा किया. देश में स्कूल बनवाए, शौचालय बनवाए. मैंने जब अधिकारियों से पूछा कि आप 18 हजार गांवों में कितने दिनों में बिजली पहुंचाएंगे. वे टाल मटोल करते रहे. जब मैंने लाल किले से कहा कि 1000 दिनों में 18 हजार गांवों में बिजली आ जाएगी. अभी समय सीमा पूरा भी नहीं हुआ है और इन्हीं अधिकारियों ने बिजली गांवों में पहुंचा दिया. अगर किसानों को पानी मिल जाए, तो खेतों से सोना उगलेगा. मैंने पानी की व्यवस्था की और उनका किसानों का जीवन सुदृढ़ हो गया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीदर-कलबुर्गी रेलमार्ग का उद्घाटन किया. इस रेलखंड को पूरा करने में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदुरप्पा के योगदान की बात कही.
इससे पहले कर्नाटक के एक बीजेपी नेता ने राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया पर चुटकी लेते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूखे पेट रहकर धर्मस्थल में भगवान मंजूनाथ के दर्शन किए. हाल में सिद्धरमैया के मछली खाने के बाद मंदिर के दर्शन करने से विवाद खड़ा हो गया था. भाजपा विधायक अरविन्द लिम्बावली ने कहा कि मोदी ने भगवान मंजूनाथ स्वामी (शिव) के दर्शन करने तक खाना नहीं खाया, जबकि लोग जानते हैं कि सिद्धरमैया ने धर्मस्थल में प्रवेश करने से पहले क्या किया.
कुछ दिन पहले सिद्धरमैया तब विवादों में आ गए थे जब उन्होंने मंजूनाथ स्वामी मंदिर जाने से पहले दोपहर भोज में मछली खा ली थी. इसे भगवान के अपमान के रूप में देखा गया और सोशल मीडिया पर मुद्दा छा गया.
हालांकि, सिद्धरमैया ने आलोचना को खारिज किया और ट्वीट किया, ‘शासन संभालने में विफल होने पर भाजपा मेरे मंदिर जाने से पहले खानपान की मेरी पसंद को लेकर चिंतित है.’
लिम्बावली ने कहा, ‘हमारे प्रधानमंत्री दिन में 18 घंटे काम करते हैं. वह सुबह जल्दी मंदिर के लिए रवाना हुए और भगवान मंजूनाथ स्वामी के दर्शन करने तक भूखे पेट रहे. मोदी और सिद्धरमैया में यह अंतर है. आप सब जानते हैं कि हाल में मुख्यमंत्री ने क्या किया. वह मछली खाने के बाद मंदिर गए.