प्रद्युम्न मर्डर केस में एक और बड़ा खुलासा

प्रद्युम्न मर्डर केस में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। CBI सूत्रों के मुताबिक जांच में पता चला है कि गुरुग्राम पुलिस ने प्रद्युम्न मर्डर केस में सबूतों के साथ छेड़छाड़ की थी। पुलिस ने सबूत मिटाने की भी कोशिश की थी।

सीबीआई जांच में ये बात सामने आई है कि पुलिस ने शुरुआती छानबीन के दौरान लापरवाही और जल्दबाजी की। सीबीआई जांच में ये पता चला है कि जल्द से जल्द केस सुलझाने के चक्कर में गुरुग्राम पुलिस ने बस कंडक्टर अशोक कुमार को आरोपी बना दिया था। यही नहीं उसके पास से हथियार पाए जाने का भी दावा किया।

अब सीबीआई सूत्रों के हवाले से खबर आर रही है कि हत्या में इस्तेमाल क‌िया गया चाकू आरोपी छात्र ने सब्जी मंडी से खरीदा था। इस तरह से गुरुग्राम पुलिस द्वारा किया गया दावा कि चाकू अशोक ने आगरा से खरीदा था और बस की टूल किट से लेकर स्कूल में गया था यह आधारहीन है।

इसके साथ ही उस वक्त मीडिया के सामने अशोक द्वारा गुनाह कबूल किए जाने को लेकर भी अब कहा जा रहा है कि उसने पुलिस के भारी दबाव में आकर ऐसा किया था।

भोंडसी स्थित रायन इंटरनेशनल स्कूल में 8 सितंबर को हुई दूसरी कक्षा के छात्र प्रद्युम्न की हत्या मामले में बृहस्पतिवार शाम को सीबीआई की टीम सोहना पहुंची। चार सदस्यीय टीम यहां आरोपी 11वीं कक्षा के छात्र को लेकर पहुंची थी।

सूत्रों ने बताया कि छात्र ने सोहना की सब्जी मंडी से ही चाकू खरीदना बताया है। जिस पर सीबीआई की टीम उसे लेकर यहां सब्जी मंडी में उस दुकान पर लेकर गई जहां से उसने चाकू खरीदा था।

इसके अलावा टीम उसे लेकर मौका-ए-वारदात पर भी गई। जहां उससे पूछताछ की गई। बता दें कि सीबीआई ने प्रद्युम्न हत्याकांड में पुलिस की थ्योरी से इतर सीबीआई ने 11वीं कक्षा के छात्र को आरोपी बताते हुए हिरासत में लिया है।

सूत्रों के मुताबिक सीबीआई ने जुवेनाइल कोर्ट में दिए हलफनामा में माना है कि आरोपी ने पिता के सामने ही जुर्म कबूल किया है। सीबीआई का दावा है कि आरोपी छात्र ने स्कूल बंद कराने के लिए इस हत्याकांड को अंजाम दिया था।

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