नई दिल्ली: भारत ने लड़ाकू विमान से ब्रह्मोस का सफल परीक्षण कर इतिहास रच दिया. आज तक कोई भी देश सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को किसी फाइटर जेट से लांच नहीं कर पाया है. लेकिन भारतीय वायुसेना ने ऐसा कर दिखाया है.
रक्षा मंत्रालय की प्रवक्ता के मुताबिक, आज विश्व की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ने भारतीय वायुसेना के प्रमुक युद्धक विमान, सुखोई-30 एमकेआई से सफलतापूर्वक उड़ान भर इतिहास रच दिया. मिसाइल ने टारगेट बंगाल की खाड़ी में एक जहाज पर भेद कर किया पूरा किया.
वायुसेना के प्रवक्ता विंग कमांडर अनुपम बैनर्जी के मुताबिक, भारतीय वायुसेना दुनिया की पहली ऐसी एयरफोर्स है जिसने 2.8 मैक यानि आवाज की स्पीड से 2.8 गुना तेज रफ्तार से हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल का टेस्ट किया है.
इस सुखोई विमान ने पश्चिम बंगाल के कलाईकुंडा एयरबेस से उड़ान भर थी. इस मिसाइल की रेंज 400 किलोमीटर से ज्यादा है और भार करीब 2.5 टन है. सुखोई विमान की रेंज ही करीब तीन हजार किलोमीटर है.
आज के सफल परीक्षण से भारत जमीन, समुद्र और आकाश में सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को लांच करने वाला पहला देश बन गया है. ब्रह्मोस को भारत ने रशिया के साथ मिलकर तैयार किया है. सबसे पहले वर्ष 2005 में नौसेना को ये क्रूज मिसाइल मिली थी.
नौसेना के सभी डेस्ट्रोयर और फ्रीगेट युद्धपोतों में ये ब्रह्मोस मिसाइल लगी हुई हैं. थलसेना के पास भी ब्रहमोस मिसाइल की 03 रेजीमेंट हैं. जिनमे से 02 चीन सीमा पर तैनात हैं और एक पाकिस्तान सीमा पर है.
रक्षामंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने इस शानदार उपलब्धि के लिए डीआरडीओ को बधाई दी. डीआरडीओ के अध्यक्ष और रक्षा विभाग (अनुसंधान एवं विकास) के सचिव डॉ एस क्रिस्टोफर ने ब्रह्मोस के निर्माण में संलग्न वैज्ञानिकों और इंजिनियरों को बधाई दी.