लंदन: एक अध्ययन के अनुसार मंगल पर सर्दी कार्बन डाइऑक्साइड के जमने का कारण बनती है और इससे यह रेत के टीलों के आकार में नजर आती है. अध्ययन में बड़ी मात्रा में तरल पानी के अभाव में लाल ग्रह पर बनने वाली इस तरह की चीजों की विशेषताओं को बताया गया है. शोधकर्ताओं ने कार्बन डाई ऑक्साइड (सीओ2) के ठोस से गैस में बदलने की उत्सादन या उर्ध्वपातन की प्रक्रिया पर प्रयोगशालाओं में प्रयोग किए. अध्ययन के अनुसार मंगल पर रेत के टीलों में बदलने के लिए भी यही प्रक्रिया जिम्मेदार है. ब्रिटेन में ट्रिनिटी कॉलेज, डबलिन की लॉरेन मैक इओन ने कहा, ‘‘हम सभी ने मंगल पर पानी के प्रमाण के बारे में रोचक खबरों को सुना है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि मंगल पर मौजूदा जलवायु प्राय: उसकी तरल अवस्था में पानी से मेल नहीं खाती है इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि हम अन्य वाष्पशील पदार्थों की भूमिका को भी समझें जिससे आज मंगल में परिवर्तन करने की संभावना है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मंगल ग्रह पर वातावरण 95 प्रतिशत से अधिक सीओ2 से बना होता है, फिर भी हम इस बारे में अब तक कम जानते है कि इस ग्रह की सतह किस प्रकार की है.’’