ढाका: बांग्लादेश ने मंगलवार को कहा कि रोहिंग्या संकट अब म्यामांर का आंतरिक मुद्दा नहीं रहा और यह ‘क्षेत्रीय तबाही’ का रूप ले चुका है. उसने अंतरराष्ट्रीय समुदाय का आह्वान किया कि करीब पांच लाख शरणार्थियों को वापस लेने के लिए म्यामांर पर दबाव बनाने की खातिर निर्णायक फैसला किया जाए. बांग्लादेश के विदेश मंत्री एएच महमूद अली ने कहा कि बीते 25 अगस्त को रखाइन प्रांत में म्यामांर के सैनिकों की ओर से कार्रवाई शुरू किए जाने के बाद करीब पांच लाख रोहिंग्या भागकर बांग्लादेश में दाखिल हुए और इस तरह से कुल नौ लाख रोहिंग्या म्यामांर छोड़ चुके हैं.
यह भी पढ़ें : शेख हसीना ने म्यांमार पर रोहिंग्या मुद्दे को लेकर ‘युद्ध’ भड़काने का आरोप लगाया
उन्होंने कहा कि सेना के अभियान में अब तक 3,000 रोहिंग्या मुसलमान मारे गए हैं और ‘ह्यूमन राइट्स वाच’ को 284 गांवों को तबाह किए जाने के सबूत मिले हैं. अली ने कहा कि रोहिंग्या संकट अब म्यामांर का आंतरिक मुद्दा नहीं रहा, बल्कि यह ‘क्षेत्रीय तबाही’ का रूप ले चुका है.
VIDEO : रोहिंग्या मुद्दे पर किसी दबाव में नहीं आएंगे : सू ची
उन्होंने कहा, ‘यह बांग्लादेश और म्यामांर की द्विपक्षीय समस्या नहीं है. बांग्लादेश ने इस संकट को पैदा करने में कोई भूमिका नहीं निभाई. इस संकट का केंद्र म्यामांर में है और समाधान भी म्यामांर से ही जुड़ा है.’