नई दिल्ली: वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद यादव ने राज्यसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराये जाने के बाद कहा है कि उन्हें लोकतंत्र की खातिर बोलने की सजा मिली है यादव ने राज्यसभा के 4 दिसंबर के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया में मंगलवार(5 दिसंबर) को कहा कि उन्हें बिहार में बने महगठबंधन को तोड़ने संबंधी अपनी पार्टी के फैसले की खिलाफत करने के कारण संसद की सदस्यता गंवानी पड़ी है उन्होंने ट्वीट किया है, “मुझे राज्यसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किया गया है बिहार में राजग को हराने के लिए बने महागठबंधन को 18 महीने में ही सत्ता में बने रहने के मकसद से राजग में शामिल होने के लिए तोड़ दिया गया अगर इस अलोकतांत्रिक तरीके के खिलाफ बोलना मेरी भूल है तो लोकतंत्र को बचाने के लिए मेरी ये लड़ाई जारी रहेगी.”
राज्यसभा के सभापति ने जदयू से राज्यसभा सदस्य यादव और अली अनवर को सदन की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया था राज्यसभा में जदयू संसदीय दल के नेता आर. सी. पी. सिंह ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण यादव और अनवर की सदस्यता रद्द करने की सभापति से अनुशंसा की थी.
यादव ने पार्टी विरोधी गतिविधि में शामिल होने के बारे में कहा ‘‘मुझे राज्यसभा के लिये अयोग्य घोषित किया गया है क्योंकि मैंने लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान किया है, पार्टी के संविधान का पालन किया और बिहार के 11 करोड़ लोगों के महागठबंधन के पक्ष में दिये गये जनादेश का सम्मान किया मैं इस सिलिसले को न सिर्फ बिहार बल्कि देश की खातिर जारी रखूंगा.’’
सभापति ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद सोमवार देर शाम यह फैसला दिया है शरद गुट के नेता जावेद रजा ने कहा कि उन्हें कल देर रात इस फैसले की प्रति मिली है इसके कानूनी पहलुओं पर आज विशेषज्ञों से विचार विमर्श कर आगे की रणनीति तय की जाएगी.