नई दिल्ली: सीबीआई की विशेष अदालत 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले से जुड़े तीन मामलों में अब पांच दिसंबर को तय करेगी कि फैसला कब सुनाया जाएगा। इस मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा और डीएमके की नेता कनिमोझी सहित कई हाई प्रोफाइल उद्योगपतियों भी आरोपी हैं।
इस मामले की सुनवाई करने वाली सीबीआई की विशेष अदालत अब पांच दिसंबर को तय करेगी कि कब आएगा फैसला। कोर्ट तीन मामलों में फैसला सुनाएगी जिसमें दो केस सीबीआई के हैं और एक केस प्रवर्तन निदेशालय का है।
सीबीआई के पहले केस में ए राजा और कनिमोझी समेत पूर्व टेलीकॉम सेक्रेटरी सिद्धार्थ बेहुरा और राजा के पूर्व निजी सचिव भी इस मामले में आरोपी हैं। इनके साथ स्वान टेलीकॉम के प्रमोटर्स, यूनिटेक के प्रबंध निदेशक, रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी समूह के तीन सीनियर अधिकारी और कलैग्नर टीवी के निदेशकों पर भी आरोपी हैं।
तीन टेलीकॉम कंपनियां, स्वान टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड, रिलायंस टेलीकॉम लिमिटेड और यूनिटेक वायरलेस (तमिलनाडु) लिमिटेड पर भी इस मामले में केस चला है। अदालत ने अक्टूबर 2011 को तीनों के खिलाफ आरोप तय किए थे।
सीबीआई ने राजा और अन्य आरोपियों के खिलाफ अप्रैल 2011 को आरोप पत्र दाखिल किया था। सीबीआई ने आरोप लगाया था कि 122 लाईसेंस के आवंटन से 30,984 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था जिसे दो फरवरी 2012 को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था।
अदालत ने 154 सीबीआई गवाहों के बयान दर्ज किए जिसमें अनिल अंबानी, उनकी पत्नी टीना अंबानी, नीरा राडिया के नाम शमिल हैं।
इस मामले में आरोपियों को छह महीने से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है।
सीबीआई के दूसरे केस में एस्सार ग्रुप के प्रमोटर रवि रुइया और अंशुमन रुइया, लूप टेलीकॉम के प्रमोटर किरण खेतान, उनके पति आई पी खेतान और एस्सार समूह के निदेशक (स्ट्रैटजी एंड प्लानिंग) विकास सरफ आरोपी हैं।
सीबीआई के आरोप—पत्र में लूप टेलीकॉम लिमिटेड, लूप मोबाइल इंडिया लिमिटेड और एस्सार टेली होल्डिंग लिमिटेड के नाम भी है।
सीबीआई कोर्ट में तीसरा आरोप—पत्र प्रवर्तन निदेशालय ने अप्रैल 2014 में 19 आरोपियों के खिलाफ दाखिल किया था। इस आरोप पत्र में ए राजा, कनिमोझी, शाहिद बलवा, विनोद गोयनका, आसिफ बलवा, राजीव अग्रवाल, करीम मोरानी और शरद कुमार के नाम मनी लॉन्ड्रिग मामले में शामिल है।
ईडी के आरोप—पत्र में डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि की पत्नी दयालु अम्मल का नाम भी आरोपी के रूप में शामिल है। उन पर आरोप है कि उन्होंने सटीपीएल प्रमोटर्स से डीएमके द्वारा चलाए जाने वाले कलैग्नर टीवी को 200 करोड रुपये का भुगतान किया। इस मामले में 10 लोगोंं और नौ कंपनियां आरोपी हैं।