हैदराबाद: विधानसभा या लोकसभा के सत्र को लोकतंत्र का एक अहम काम माना जाता है. इन सत्रों में ही जनप्रतिनिधि जनता की समस्या को सदन में उठाते हैं और आमजन के जीवन को सामान्य बनाने के लिए कानून तथा योजनाएं बनाई जाती हैं. नवंबर-दिसंबर के महीने में लोकसभा समेत विधानसभाओं में शीतकालीन सत्र का आयोजन किया जाता है. इन सत्रों पर जनता की एक बड़ी रकम भी खर्च होती है. आंध्र प्रदेश में भी इन दिनों शीतकालीन सत्र चल रहा है. लेकिन 100 से अधिक विधायक सत्र के दौरान ही छुट्टी पर चले गए हैं. इतन बड़ी संख्या में विधायकों के एकसाथ छुट्टी पर जाने से सदन लगभग खाली सा हो गया है. खासबात यह है कि छुट्टी पर जाने की सभी विधायकों की वजह एक ही है, और वह शादी में शामिल होना.
जानकारी के मुताबिक, तेलुगूदेशम पार्टी के 100 से अधिक विधायकों के विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष शादियों में शामिल होने के लिए छुट्टियों का आवेदन किया था. विधानसभा अध्यक्ष ने इस दरखास्तों को मंजूर भी कर लिया. इन छुट्टियों के बदले में सत्र को दो दिन और आगे बढ़ाने पर भी अपनी सहमति दे दी है. आंध्र प्रदेश विधानसभा में कुल 176 विधायक हैं. इनमें से 67 विधायक विपक्षी दल वाईएसआर कांग्रेस के हैं. विपक्ष ने इस सत्र का बहिष्कार किया हुआ है.
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बता दें कि आंध्र प्रदेश के विधायक देश में सबसे ज्यादा वेतन पाने विधायकों में से एक हैं. पिछले ही साल उनके वेतन को 95 हजार से बढ़ाकर सवा लाख रुपये प्रतिमाह कर दिया गया था. विपक्षी दल वाईएसआर कांग्रेस ने वेतन में इस वृद्धि का विरोध किया था. विपक्ष का आरोप था कि एक तरफ प्रदेश आर्थिक तंगी से जूझ रहा है और वहीं विधायकों की तनख्वाह में बेहिसाब इजाफा किया जा रहा है.