इराक में लापता 39 भारतीयों की तलाशी का सरकार का अभियान बिना किसी सकारात्मक नतीजे के खत्म हो गया है. विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने आजतक-इंडिया टुडे को बताया कि मोसुल और बदूश में लापता भारतीयों की तलाश के अभियान का कोई सकारात्मक नतीजा नहीं निकला है. उन्होंने कहा कि अब इराक में चलाया जा रहा ‘ऑपरेशन हंट’ खत्म हो गया है.
जनरल सिंह ने कहा, ‘अब हमें 39 भारतीयों की नियति जानने के लिए सिर्फ डीएनए सैम्पल का सहारा है.’ गौरतलब है कि इन 39 भारतीयों के पहले मोसुल और आसपास के इलाकों में आईएसआईएस के कब्जे में रहने की खबरें थीं. आजतक-इंडिया टुडे की टीम भी भी अलग से जाकर लापता भारतीयों के बारे में कोई सुराग हासिल करने की कोशिश में लगी है.
सिंह ने कहा कि खोजी दलों ने मोसुल, बदूश और तलाफार के सभी संभावित जगहों और जानकारियों तक पहुंचने की कोशिश की, लेकिन कोई सकारात्मक सुराग नहीं मिल पाया. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इराक स्थित भारतीय दूतावास अपने स्तर से लापता भारतीयों की तलाश करता रहेगा.
उन्होंने कहा कि लापता भारतीयों के परिजनों के डीएनए सैम्पल लिए गए थे और उन्हें इराक में डेटाबेस तथा अंतरराष्ट्रीय रेडक्रॉससमिति (आईसीआरसी) को भेजा गया है. उन्होंने कहा कि इराकी जेलों में कुछ मानसिक रोगी कैदी जरूर हैं, लेकिन वे अपनी पहचान नहीं बता पा रहे. अब 39 भारतीयों के बारे में किसी निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए डीएनए सैम्पल ही एकमात्र सहारा है.
गौरतलब है कि इसी हफ्ते जनरल वीके सिंह लापता भारतीयों की तलाश अभियान को गति देने और उनके बारे में कुछ ठोस जानकारी हासिल करने के लिहाज से इराक गए थे. आजतक-इंडिया टुडे से बातचीत में वीके सिंह ने कहा, ‘मोसुल अब एक भूतहा शहर जैसा दिखता है, वहां भारी विनाश हुआ है.’
39 भारतीयों को आईएसआईएस के आतंकियों ने जून 2014 में अपहृत किया था. इनमें 22 लोग पंजाब के अमृतसर, गुरदासपुर, होशियारपुर, कपूरथला और जालंधर से थे. इनकी कैद से निकल भागे एक व्यक्ति हरजित मसीह ने दावा किया था कि जिहादी आतंकियों ने सभी को गोली मार दिया है.
वी के सिंह 39 लोगों को ढूंढने के लिए ही ‘स्पेशल मिशन’ पर गए थे और 39 लोगों के परिजनों के के डीएनए सैंपल भी लेकर गए थे.